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Up Kiran, Digital Desk: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की मुख्य परीक्षा, जिसे UPSC Mains 2025 कहा जाता है, लाखों उम्मीदवारों के लिए एक कठिन लेकिन महत्वपूर्ण पड़ाव है। प्रीलिम्स परीक्षा पास करने के बाद, उम्मीदवार अपनी ऊर्जा और ध्यान अंतिम तैयारी पर केंद्रित करते हैं। लेकिन इस दौरान, विशेष रूप से परीक्षा के अंतिम कुछ महीनों और हफ्तों में, उम्मीदवारों पर जबरदस्त तनाव और मानसिक दबाव हावी हो जाता है। यह तनाव न केवल उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनकी तैयारी की गति और गुणवत्ता को भी कम कर सकता है। ऐसे में, तनाव प्रबंधन (Stress Management) सफलता की कुंजी बन जाता है।

UPSC Mains 2025 की अंतिम तैयारी में तनाव के मुख्य कारण:

विशाल पाठ्यक्रम: UPSC Mains का सिलेबस अत्यंत विस्तृत है, जिसमें विभिन्न विषयों, करंट अफेयर्स और विश्लेषणात्मक क्षमताओं की मांग होती है। इतने बड़े पाठ्यक्रम को पूरा करने का दबाव स्वाभाविक रूप से तनाव पैदा करता है।

अत्यधिक प्रतिस्पर्धा: लाखों उम्मीदवार सीमित सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिससे एक तीव्र प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनता है। यह भावना कि 'हजारों में से सिर्फ कुछ ही सफल होंगे' चिंता बढ़ाती है।

अनिश्चितता और परीक्षा का स्वरूप: परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति अप्रत्याशित हो सकती है, और हर साल पैटर्न में थोड़े बदलाव की संभावना बनी रहती है। यह अनिश्चितता उम्मीदवारों के मन में एक भय पैदा करती है।

समय का दबाव: मुख्य परीक्षा में उत्तर लिखने के लिए सीमित समय होता है। समय पर उत्तर पूरा करने की चिंता और अभ्यास का दबाव मानसिक तनाव बढ़ाता है।

अकेलापन और सामाजिक अलगाव: लंबी अध्ययन अवधि के कारण उम्मीदवार अक्सर सामाजिक जीवन, परिवार और दोस्तों से कट जाते हैं, जिससे अकेलापन और अलगाव की भावना बढ़ सकती है, जो सीधे तौर पर मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

प्रदर्शन का डर: खराब प्रदर्शन करने या अंतिम चयन सूची में जगह न बना पाने का डर उम्मीदवारों के मन में लगातार बना रहता है, जो आत्म-संदेह और तनाव का एक प्रमुख कारण है।

तनाव प्रबंधन के लिए प्रभावी रणनीतियाँ: आपका सफलता मंत्र

UPSC Mains 2025 की तैयारी के अंतिम चरण में तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना अत्यंत आवश्यक है। यह आपको शांत रहने, अपनी क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग करने और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।

सुनियोजित दिनचर्या और यथार्थवादी समय प्रबंधन:

यथार्थवादी अध्ययन योजना: एक ऐसी समय-सारणी बनाएं जो यथार्थवादी हो और जिसमें सभी विषयों, पुनरीक्षण (revision) और अभ्यास सत्रों के लिए पर्याप्त समय आवंटित हो। लक्ष्य निर्धारित करें, लेकिन उन्हें हासिल करने योग्य रखें।

ब्रेक लेना महत्वपूर्ण: लगातार घंटों तक पढ़ने से बचें। हर 1-1.5 घंटे के बाद 10-15 मिनट का छोटा ब्रेक लें। ये छोटे ब्रेक आपको तरोताजा रखते हैं, एकाग्रता बढ़ाते हैं और बर्नआउट से बचाते हैं।

पर्याप्त नींद: आपकी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा के लिए 7-8 घंटे की गहरी नींद अत्यंत महत्वपूर्ण है। नींद की कमी तनाव को बढ़ाती है और संज्ञानात्मक कार्यों को बाधित करती है।

सकारात्मक मानसिकता का विकास और आत्म-विश्वास:

अपनी तैयारी पर विश्वास: आपने प्रीलिम्स पास किया है, यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। अपनी कड़ी मेहनत और तैयारी पर विश्वास रखें।

सकारात्मक पुष्टि (Positive Affirmations): अपनी क्षमताओं के बारे में सकारात्मक विचार करें। "मैं यह कर सकता/सकती हूँ," "मैं शांत और केंद्रित हूँ" जैसी बातों को दोहराएं।

वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें: भविष्य की चिंताओं में खोने के बजाय, वर्तमान क्षण में अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित करें। हर दिन का सर्वोत्तम उपयोग करें।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें:

नियमित व्यायाम और योग: शारीरिक गतिविधि एंडोर्फिन जारी करती है, जो प्राकृतिक मूड बूस्टर हैं। योग और ध्यान आपको शांत रहने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करते हैं।

संतुलित और पौष्टिक आहार: अपने भोजन में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल करें। जंक फूड, अत्यधिक कैफीन और चीनी का सेवन कम करें, क्योंकि ये तनाव को बढ़ा सकते हैं।

शौक और रुचियों के लिए समय: अपनी पसंदीदा गतिविधियों (जैसे संगीत सुनना, पढ़ना, या किसी प्रियजन से बात करना) के लिए थोड़ा समय निकालें। यह आपके दिमाग को आराम देता है और तनाव कम करता है।

सोशल सपोर्ट का प्रभावी उपयोग:

परिवार और दोस्तों से जुड़ें: अपने प्रियजनों से बात करें। अपनी चिंताओं और भावनाओं को साझा करने से आपको भावनात्मक सहारा मिलता है और हल्का महसूस होता है।

स्टडी पार्टनर या ग्रुप: कुछ दोस्तों के साथ मिलकर उत्तर-लेखन का अभ्यास करें या मुश्किल अवधारणाओं पर चर्चा करें। एक-दूसरे का समर्थन तनाव को कम करने में सहायक होता है।

पेशेवर मदद: यदि तनाव बहुत अधिक बढ़ जाए और आपकी दैनिक गतिविधियों को प्रभावित करने लगे, तो किसी काउंसलर, थेरेपिस्ट या अनुभवी मेंटर से मदद लेने में संकोच न करें।

परीक्षा-केंद्रित तनाव प्रबंधन रणनीतियाँ:

नियमित उत्तर-लेखन अभ्यास: हर दिन उत्तर-लेखन का अभ्यास करें। इससे आपको समय प्रबंधन में महारत हासिल होगी और परीक्षा हॉल में प्रश्नों का सामना करने का आत्मविश्वास बढ़ेगा।

पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र (PYQs): PYQs का विश्लेषण करें, उनके पैटर्न को समझें और अपनी तैयारी को तदनुसार समायोजित करें। यह आपकी अनिश्चितता को कम करेगा।

रिवीजन पर ध्यान दें: अंतिम चरण में नई चीजें सीखने के बजाय, पढ़े हुए महत्वपूर्ण विषयों का बार-बार रिवीजन करें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

परीक्षा हॉल में शांत रहें: परीक्षा हॉल में प्रवेश करते समय गहरी सांसें लें। प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें और उसी क्रम में उत्तर लिखें जिसमें आप सबसे अधिक सहज हों।

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