
railway claim scam: बिहार के रेलवे दावा न्यायाधिकरण (पटना) से जुड़े घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सख्त कदम उठाया है। ईडी ने धन शोधन मामले में 8.02 करोड़ रुपये की 24 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। ये संपत्तियां पटना, नालंदा, गया और नई दिल्ली में हैं। इस मामले में वकील विद्यानंद सिंह और उनकी टीम पर गंभीर आरोप लगे हैं। ईडी ने पटना के विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002) कोर्ट में शिकायत दर्ज की है। इसमें विद्यानंद सिंह, परमानंद सिन्हा, विजय कुमार, कुमारी रिंकी सिन्हा, अर्चना सिन्हा, निर्मला कुमारी और हरिजग बिजनेस एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दोषी ठहराने की मांग की गई है।
ईडी की जांच में पता चला कि विद्यानंद सिंह और उनकी टीम ने 900 से ज्यादा मुआवजा दावों का निपटारा किया। इनमें जज आरके मित्तल ने आदेश जारी किए थे। इल्जाम है कि वकीलों ने दावेदारों को बिना बताए उनके बैंक खाते खोले और रेलवे से मिली मुआवजा राशि को अपने खातों में डाल लिया। इसके लिए दावेदारों के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान का गलत इस्तेमाल हुआ। जांच के अनुसार, वकीलों ने दावेदारों के खातों से 10.27 करोड़ रुपये हड़प लिए, जो उनकी गैरकानूनी कमाई थी।
जज और वकीलों की खुली पोल
ईडी का कहना है कि इस घोटाले में वकीलों और जज आरके मित्तल का एक गिरोह काम कर रहा था। वकीलों ने गैरकानूनी कमाई को छिपाने के लिए अपने और अपनी पत्नियों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं। एक कंपनी के नाम पर भी संपत्ति ली गई ताकि गलत तरीके से कमाए धन को वैध दिखाया जा सके। ईडी ने इस मामले में जज और वकीलों से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें कई सबूत मिले।
जानें ईडी अब आगे क्या करेगी
ईडी ने विद्यानंद सिंह, परमानंद सिन्हा और विजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। वे अभी जेल में हैं। पटना के विशेष कोर्ट में दर्ज शिकायत में ईडी ने इन आरोपियों की सजा और कुर्क संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है। यह मामला सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की ओर से दर्ज प्राथमिकी से शुरू हुआ था। इसके बाद ईडी ने धन शोधन की जांच को तेज किया।
रेलवे दावा न्यायाधिकरण में मृत्यु के बाद परिवारों को मिलने वाले मुआवजे में यह गड़बड़ी हुई। आरोप है कि वकीलों ने दावेदारों को पूरा मुआवजा नहीं दिया और ज्यादातर राशि खुद रख ली। 900 से ज्यादा दावों में यह धोखाधड़ी हुई। वकीलों ने रेलवे से मिली राशि को अपने खातों में डालकर छल किया।
ईडी का कहना है कि जांच अभी चल रही है। इस घोटाले ने रेलवे दावा प्रणाली में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को सामने लाया है। यह कार्रवाई दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में बढ़ रही है और भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी रोकने का संदेश भी दे रही है।
--Advertisement--