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Up Kiran, Digital Desk: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर हाल ही में हुए हादसे के बाद वहां लगी अस्थायी दुकानों को हटाने का काम शुरू हो गया है। हालांकि, दुकानों को तो बंद कर दिया गया, लेकिन कई विक्रेता अपने सामान को पहाड़ी के किनारे छुपा चुके हैं। सबसे दिलचस्प बात यह रही कि मंदिर मार्ग पर लगी बिजली की तारें भी अचानक गुम हो गईं, जब जांच टीम वहां पहुंची।
मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर नीचे से ऊपर तक दोनों तरफ सैकड़ों छोटी-छोटी दुकानें सजी हुई थीं, जहां फूल, प्रसाद, खिलौने और खाने-पीने की वस्तुएं मिलती थीं। ये दुकाने न केवल श्रद्धालुओं के आवागमन में बाधा डालती थीं, बल्कि आपात स्थिति में सुरक्षित निकलने का कोई भी रास्ता उपलब्ध नहीं रहता था। जब भगदड़ हुई, तो भीड़ इन दुकानों के बीच फंसी रह गई, जिससे घटना और भी भयानक हो गई।
हादसे के बाद मंदिर परिसर सहित सीढ़ी मार्ग पर अधिकांश दुकानों को बंद कर दिया गया। कई विक्रेता अपने सामान को लेकर भाग निकले, जबकि कुछ ने प्लास्टिक के थैले में माल भरकर पहाड़ी के पीछे छिपा दिया। यह पूरा इलाका राजाजी टाइगर रिजर्व के अधीन आता है, जहां वाणिज्यिक गतिविधि पर पूरी तरह प्रतिबंध है, फिर भी यहां वर्षों से दुकानों का जमावड़ा रहता आया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन दुकानों से मिलने वाली बड़ी रकम अधिकारियों और कर्मचारी वर्ग तक पहुंचती रही है, जिसके कारण इस अवैध गतिविधि पर कभी सख्ती नहीं हुई। ऐसे हालात में न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा दांव पर लगी है, बल्कि नियम-कानून का उल्लंघन भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस पर गंभीर कदम उठाएगा, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
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