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Up Kiran, Digital Desk: सीमा पार आतंकी ठिकानों पर भारत की निर्णायक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सियासत में खलबली मच गई है। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने एक ओर जहां आतंकी ढांचे को झटका दिया है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के भीतर विरोधाभासी सुर सुनाई दे रहे हैं।
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय गाइड की मौत के बाद भारत ने सीमा पार सर्जिकल कार्रवाई करते हुए एक अहम ऑपरेशन को अंजाम दिया जिसे "ऑपरेशन सिंदूर" नाम दिया गया है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस मिशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के लॉन्च पैड्स को निशाना बनाया गया। भारत का दावा है कि यह ऑपरेशन बेहद सटीक और सफल रहा।
पाकिस्तानी नेतृत्व में दुविधा और विरोधाभास
भारत की कार्रवाई के तुरंत बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बयान जारी करते हुए "भारी जवाबी कार्रवाई" की चेतावनी दी। मगर इस ‘गीदड़ भभकी’ के बीच पाकिस्तान की सरकार में ही एक अलग सुर सुनाई दिया।
विदेश मंत्री और डिप्टी पीएम इशाक डार, जो इन दिनों तुर्की की यात्रा पर हैं, ने TRT वर्ल्ड को दिए इंटरव्यू में एक चौंकाने वाला दावा कियाकि पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) असीम मलिक ने भारत के NSA अजीत डोभाल से फोन पर बातचीत की है।
क्या NSA स्तर की बातचीत तनाव कम करने की पहल है
TRT वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ये बातचीत बुधवार देर रात को हुईयानी उस दिन जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तस्वीरें सार्वजनिक हुईं। हालांकि, इस कॉल की आधिकारिक पुष्टि भारत या पाकिस्तान की ओर से नहीं की गई है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह बातचीत सच है, तो यह दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की एक बैकचैनल डिप्लोमेसी हो सकती है। मगर चूंकि दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं, इसलिए हर कूटनीतिक पहल का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है।
पाकिस्तान की “फर्जी खबरें” बनाम भारत का स्पष्ट रुख
भारत सरकार ने पूरे ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए साफ किया कि नागरिक इलाकों या सैन्य अड्डों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत की कार्रवाई को नाकाम कर दिया, मगर उसने कोई प्रमाण नहीं दिया।
भारत ने इसे “झूठा प्रचार” और “गुमराह करने वाला बयान” कहकर खारिज कर दिया। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “हमने जो किया है, वह आतंकी ठिकानों के खिलाफ किया हैन कि किसी देश के खिलाफ। अगर पाकिस्तान इस पर आपत्ति जताता है, तो वह यह मान रहा है कि आतंकवादी उसके ही हिस्से हैं।”
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