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Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया। पहलगाम में पर्यटकों पर किए गए हमले में 26 लोगों की जान चली गई और इस दुखद घटना ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुरक्षा उपायों के तहत 48 पर्यटन स्थलों और रिसॉर्ट्स को बंद कर दिया है। इन स्थलों में कुछ बेहद खूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी शामिल हैं जिनमें गुरेज घाटी और दूधपथरी जैसे स्थान शामिल हैं। तो क्या इन कदमों से पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और क्या यह कश्मीर पर्यटन के भविष्य के लिए खतरे की घंटी है?
आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा के कड़े कदम
पहलगाम में हुए इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे बड़ा और घातक हमला माना जा रहा है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई जो कश्मीर की खूबसूरत वादियों का आनंद लेने आए थे। कश्मीर की पहचान शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में है लेकिन इस हमले ने इस छवि को गहरे रूप से प्रभावित किया है।
सुरक्षा स्थिति को देखते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने तुरंत कदम उठाए और 48 पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया। इन स्थलों में कश्मीर के दूर-दराज इलाकों में स्थित जगहें शामिल हैं जिनमें कोकेरनाग डुक्सुम सिंथन टॉप अच्छाबल बंगस घाटी मार्गन टॉप और तोसामैदान जैसे प्रसिद्ध स्थल भी हैं। इन इलाकों में पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं होगी और सुरक्षा समीक्षा प्रक्रिया के तहत आने वाले दिनों में और स्थलों को भी बंद किया जा सकता है।
पर्यटकों की सुरक्षा प्राथमिकता
जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि यह कदम कश्मीर पर्यटन के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है लेकिन सरकार का यह मानना है कि सुरक्षा सबसे अहम है। इन 48 स्थानों में कुछ नए पर्यटन स्थल भी शामिल हैं जिन्हें पिछले 10 वर्षों में खोला गया था। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार अपनी सुरक्षा समीक्षा प्रक्रिया को सतत रूप से अपडेट कर रही है और खतरे को देखते हुए आवश्यक कदम उठा रही है।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि इन स्थानों के बंद होने से पर्यटकों को असुविधा हो सकती है लेकिन यह कदम अस्थायी है और किसी बड़े खतरे से बचने के लिए आवश्यक था। कश्मीर के 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 को बंद करने का निर्णय लिया गया है और आने वाले समय में और स्थानों को बंद करने का भी निर्णय लिया जा सकता है।
क्या है कश्मीर का पर्यटन उद्योग
कश्मीर का पर्यटन उद्योग हमेशा से राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यहाँ की बर्फीली चोटियाँ शांतिपूर्ण झीलें और हरे-भरे बाग-बगिचे दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। 2019 के पुलवामा हमले और फिर कोरोना महामारी के बाद कश्मीर पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान हुआ है। अब इस ताजे आतंकी हमले ने पर्यटन को एक और बड़े संकट में डाल दिया है।
पर्यटन स्थलों के बंद होने से न केवल स्थानीय व्यापारियों और होटल मालिकों को नुकसान होगा बल्कि इससे कश्मीर की वह पहचान भी खतरे में पड़ सकती है जो उसने वर्षों में बनाई थी। हालांकि यदि सुरक्षा स्थिति बेहतर होती है और आक्रामक कदम उठाए जाते हैं तो कश्मीर की ओर पर्यटकों का रुझान फिर से बढ़ सकता है।
सरकार का उद्देश्य और भविष्य की दिशा
जम्मू-कश्मीर सरकार ने यह कदम सिर्फ पर्यटकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया है। सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है और सभी पर्यटक स्थलों पर पैट्रोलिंग को मजबूत किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक अस्थायी कदम है और जैसे ही स्थिति सामान्य होगी ये पर्यटन स्थल फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे।
इसके अलावा सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि सुरक्षा समीक्षा एक सतत प्रक्रिया है। यानी भविष्य में और अधिक स्थानों को बंद किया जा सकता है यदि स्थिति नहीं सुधरती है। इन सुरक्षा उपायों से यह भी संकेत मिलता है कि राज्य सरकार कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
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