
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को गम और गुस्से से भर दिया है। मासूम नागरिकों की क्रूर हत्या ने देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना के खिलाफ पूरा देश एकजुट है और अब राजनीतिक मोर्चे पर भी तीखी हलचल देखने को मिल रही है।
इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर यह मांग की है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को क्या लिखा?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा:
"इस समय, जब देश को एकता और एकजुटता की सबसे ज्यादा जरूरत है, विपक्ष यह मांग करता है कि जल्द से जल्द संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए।"
खरगे ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकी हमले के बाद संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाना देश की सामूहिक इच्छाशक्ति और आतंकवाद के खिलाफ हमारे संकल्प को दिखाने का सबसे सशक्त तरीका होगा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस पर सकारात्मक निर्णय लेगी।
राहुल गांधी ने क्या कहा अपने पत्र में?
राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में अपना गुस्सा और दर्द जाहिर किया।
"पहलगाम आतंकी हमले से हर भारतीय का खून खौल रहा है। ऐसे समय में भारत को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपना मजबूत संदेश देना चाहिए।"
राहुल गांधी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए कहा कि
"जनता के प्रतिनिधियों को एक मंच पर आकर देश की एकता और संकल्प का प्रदर्शन करना चाहिए।"
उन्होंने आग्रह किया कि विशेष सत्र जल्द से जल्द आयोजित किया जाए।
अन्य नेताओं की भी उठी है मांग
कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी नेताओं ने भी संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है:
राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI)
वरिष्ठ वकील और नेता कपिल सिब्बल भी यह मांग उठा चुके हैं।
सभी का कहना है कि ऐसे राष्ट्रीय संकट के समय संसद को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और एकजुट होकर आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश देना चाहिए।
क्या है पहलगाम हमले की पूरी घटना?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी।
हमले में मारे गए ज्यादातर लोग पर्यटक और हिंदू समुदाय से थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों ने पीड़ितों से उनका धर्म पूछकर निशाना बनाया।
यह घटना न सिर्फ मानवता के खिलाफ थी, बल्कि भारत की एकता और अखंडता पर भी सीधा हमला था।
अब क्या आगे होगा?
सरकार पर अब विपक्ष का दबाव है कि वह संसद का विशेष सत्र बुलाकर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम उठाए।
संसद के विशेष सत्र में आतंकवाद के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जा सकता है।
साथ ही, राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी व्यापक बहस संभव हो सकती है।
देश की जनता भी चाहती है कि इस हमले के दोषियों को सख्त सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस रणनीति बने।
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