
हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के पीछे की वजह जानने के लिए विमान में मौजूद दो अहम डिवाइस – कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) की मदद ली जा रही है। ये दोनों डिवाइस किसी भी विमान दुर्घटना की जांच में बेहद जरूरी होते हैं।
CVR, यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, पायलटों की बातचीत और कॉकपिट के अंदर की आवाजों को रिकॉर्ड करता है। इसमें उड़ान के दौरान की लगभग दो घंटे तक की आवाजें सेव रहती हैं। इससे जांचकर्ताओं को पता चलता है कि हादसे से पहले पायलटों के बीच क्या बातचीत हुई, कोई अलार्म बजा था या कोई तकनीकी दिक्कत आई थी।
दूसरी ओर, FDR, यानी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, विमान की टेक्निकल जानकारी रिकॉर्ड करता है जैसे कि विमान की स्पीड, ऊंचाई, इंजन की स्थिति, एयर प्रेशर और बाकी अहम जानकारियाँ। यह डेटा करीब 25 घंटे तक की उड़ान की जानकारी अपने अंदर संजोकर रखता है।
इन दोनों डिवाइसों को विमान का ब्लैक बॉक्स भी कहा जाता है। हादसे के बाद ये ब्लैक बॉक्स तुरंत खोजे जाते हैं, ताकि दुर्घटना की असली वजह का जल्द से जल्द पता चल सके।
जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि CVR और FDR से जो जानकारी मिलेगी, वह इस हादसे की असली वजह सामने लाने में मदद करेगी। इससे भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे।
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