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Up Kiran, Digital Desk: सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग व्यक्तियों को निशाना बनाकर किए गए "असंवेदनशील चुटकुलों" पर कॉमेडियन्स को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन कॉमेडियन्स ने दिव्यांगों का मज़ाक उड़ाया है, वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें। साथ ही, कोर्ट ने यह भी संकेत दिया है कि उन पर जुर्माने (penalty) भी लगाए जा सकते हैं।

यह निर्देश न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ ने तब दिया जब वे SMA Cure Foundation नामक एक दिव्यांग अधिकार समूह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इस याचिका में कॉमेडियन समय रैना, विपिन गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठाकुर और निशांत जगदीश तंवर पर अपने स्टैंड-अप कंटेंट में दिव्यांग व्यक्तियों का मज़ाक उड़ाने का आरोप लगाया गया था।

सिर्फ कोर्ट में नहीं, सोशल मीडिया पर भी माफ़ी माँगें"

पीठ ने कॉमेडियन्स से कहा, "जो माफ़ी आपने कोर्ट में मांगी है, वही माफ़ी अपने सोशल मीडिया पर भी दें।" जजों ने यह भी कहा कि जुर्माने या हर्जाने का सवाल बाद में तय किया जाएगा।

न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने एक कॉमेडियन से पूछा, "अगली बार बताइए, हम आप पर कितना जुर्माना लगाएं?" इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया, "यह आपकी मर्जी है, लॉर्डशिप। यह दिव्यांगों के फायदे के लिए इस्तेमाल होना चाहिए।"

न्यायमूर्ति कांत ने चिंता जताते हुए कहा, "आज यह दिव्यांगों के बारे में है, अगली बार यह महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों के बारे में हो सकता है… इसका अंत कहाँ होगा?"

"साथ मिलकर हँसना और किसी का मज़ाक उड़ाना, इसमें बहुत फर्क है"

न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची ने इस बात पर जोर दिया कि जहाँ हास्य (humour) जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, वहीं दूसरों के साथ मिलकर हँसने और दूसरों का मज़ाक उड़ाने के बीच एक स्पष्ट रेखा है। यह विशेष रूप से तब और भी संवेदनशील हो जाता है जब मज़ाक हाशिए पर पड़े समुदायों (marginalised communities) को लक्षित करता है।

न्यायमूर्ति बागची ने कहा, "हास्य का स्वागत है। लेकिन जब हम दूसरों पर हँसने लगते हैं और संवेदनशीलता को ठेस पहुँचाते हैं... तब यह समस्याग्रस्त हो जाता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि आजकल कई इन्फ्लुएंसर्स "भाषण का व्यवसायीकरण" (commercialising speech) कर रहे हैं, जिसका उपयोग वे केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं, बल्कि मुनाफ़े के लिए भी करते हैं।