Up Kiran, Digital Desk: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण स्थान है। पखवाड़े के ग्यारहवें चंद्र दिवस को मनाई जाने वाली एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भक्त उपवास, पूजा-अर्चना और अन्य धार्मिक गतिविधियों द्वारा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से न केवल जन्मों-जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह भगवान के नित्य धाम - वैकुंठ - तक पहुँचने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
अजा एकादशी का महत्व: पापों का नाश और मानसिक शांति
सभी एकादशियों में, अजा एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार, पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ अजा एकादशी का व्रत रखने से समस्त पापों का नाश होता है और मन को शांति व शुद्धता प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों पर देवी लक्ष्मी स्वयं अपने परिवार पर कृपा बरसाती हैं। इस एकादशी के व्रत में पूजा, भजन, कीर्तन और भगवान विष्णु की पवित्र कथाओं का श्रवण करना शामिल है, जो भक्त की आध्यात्मिक चेतना को बढ़ाने में सहायक होता है।
अजा एकादशी 2025: शुभ तिथि और समय
वर्ष 2025 में, अजा एकादशी मंगलवार, 19 अगस्त को मनाई जाएगी।
एकादशी तिथि का आरंभ: 18 अगस्त 2025 को शाम 6:52 बजे।
एकादशी तिथि का समापन: 19 अगस्त 2025 को शाम 5:02 बजे।
पारण (व्रत तोड़ने का) समय:
व्रत तोड़ने का शुभ मुहूर्त 20 अगस्त 2025 को सुबह 6:05 बजे से सुबह 8:36 बजे के बीच रहेगा।
इस पारण वाले दिन, द्वादशी तिथि का समापन दोपहर 3:28 बजे होगा।
इस प्रकार, भक्त 19 अगस्त को व्रत रखेंगे और 20 अगस्त की सुबह शुभ मुहूर्त में पारण कर अपना व्रत खोलेंगे।
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