Up Kiran, Digital Desk: आसमान में गरजते लड़ाकू विमान, समंदर में दहाड़ते युद्धपोत और ज़मीन पर दुश्मन को रौंदने के लिए तैयार टैंक! भारत ने 'त्रिशूल' युद्धाभ्यास के ज़रिए दुनिया को अपनी सैन्य ताकत का एक छोटा सा ट्रेलर दिखाया है. यह कोई आम मिलिट्री एक्सरसाइज़ नहीं है, बल्कि यह भारत की तीनों सेनाओं - थल सेना, नौसेना और वायु सेना - का अब तक का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन है.
क्या है 'त्रिशूल' युद्धाभ्यास का मकसद?
'त्रिशूल' का असली मकसद भविष्य के युद्धों की तैयारी करना है. आज के दौर में युद्ध लंबे नहीं, बल्कि छोटे और बहुत तेज होते हैं, जहाँ दुश्मन पर चारों दिशाओं से एक साथ हमला करना पड़ता है. इस युद्धाभ्यास के ज़रिए तीनों सेनाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर लड़ने का अभ्यास कर रही हैं, ताकि जब ज़रूरत पड़े, तो दुश्मन को संभलने का मौका भी न मिले.
क्या है 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद की नई रणनीति?
यह युद्धाभ्यास 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बनाई गई एक नई युद्ध नीति का हिस्सा है. इस नई नीति के तहत, भारत की सेनाएं अब अलग-अलग नहीं, बल्कि एक 'एकीकृत कमान' (Integrated Command) की तरह काम करेंगी. इसका मतलब है कि तीनों सेनाओं के बीच ऐसा तालमेल होगा कि वे एक सिंगल, घातक यूनिट की तरह दुश्मन पर टूट पड़ेंगी. यह रणनीति दुश्मन के घर में घुसकर हमला करने और कम से कम समय में जंग जीतने पर फोकस करती है.
'त्रिशूल' युद्धाभ्यास सिर्फ एक अभ्यास नहीं, बल्कि भारत के दुश्मनों के लिए एक साफ़ संदेश है - अगर भारत की तरफ आँख उठाकर देखी, तो जल, थल और नभ, तीनों जगहों से ऐसा प्रहार होगा जिसका सामना करना नामुमकिन होगा.

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