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Up Kiran, Digital Desk: किसी देश के बैंक उसकी आर्थिक स्थिति का भी सूचक होते हैं। बैंकों का विशाल आकार और बाजार पूंजीकरण उस देश की अर्थव्यवस्था की स्थिरता और व्यापकता को दर्शाता है। दुनिया के 15 सबसे बड़े बैंकों में अमेरिका और चीन का दबदबा है। 15 अगस्त तक, जेपी मॉर्गन चेज़ 794.01 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ शीर्ष पर है। चीन का आईसीबीसी 355.86 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है। भारत का एचडीएफसी बैंक भी इस सूची में शामिल है। यह 12वें नंबर पर है। शीर्ष 10 में कोई भी भारतीय बैंक नहीं है। यह वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में शक्ति संतुलन को दर्शाता है।
दुनिया के वित्तीय क्षेत्र में कुछ देशों का दबदबा है। इसका एक उदाहरण उनके बड़े बैंक हैं। दुनिया के 15 सबसे बड़े बैंकों में अमेरिकी बैंकों की बड़ी हिस्सेदारी है। बाजार पूंजीकरण के आधार पर, जेपी मॉर्गन चेज़ शीर्ष पर है। इसका बाजार पूंजीकरण 794.01 अरब डॉलर है। यह दूसरे स्थान पर मौजूद चीन के आईसीबीसी से दोगुना है। आईसीबीसी का बाजार पूंजीकरण 355.86 अरब डॉलर है। यह दर्शाता है कि अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र वित्तीय मजबूती के मामले में अग्रणी है।
सूची में 7 अमेरिकी और 4 चीनी बैंक
इस सूची में सात अमेरिकी बैंक शामिल हैं। इनमें जेपी मॉर्गन चेज़, बैंक ऑफ अमेरिका, वेल्स फार्गो, मॉर्गन स्टेनली, गोल्डमैन सैक्स, चार्ल्स श्वाब और सिटीग्रुप शामिल हैं। यह दर्शाता है कि अमेरिकी वित्तीय प्रणाली कितनी बड़ी है।
इसी तरह, चीन के चार बड़े सरकारी बैंक भी शीर्ष 15 में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। ये बैंक हैं आईसीबीसी, बैंक ऑफ चाइना, चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक और एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना। यह चीन के तेजी से बढ़ते वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती को दर्शाता है।
अन्य देशों के बैंक भी शामिल
सूची में कुछ अन्य देशों के बैंक भी शामिल हैं। ये बैंक वैश्विक वित्तीय बाजार की विविधता को दर्शाते हैं। ब्रिटेन का एचएसबीसी, ऑस्ट्रेलिया का कॉमनवेल्थ बैंक और कनाडा का रॉयल बैंक ऑफ कनाडा इस सूची में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। भारत के लिए, एचडीएफसी बैंक भी इस सूची में शामिल है। यह वैश्विक स्तर पर भारतीय वित्तीय क्षेत्र की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है। वहीं, इन बैंकों का बाजार पूंजीकरण अमेरिका और चीन के शीर्ष बैंकों से काफी कम है।
यह दर्शाता है कि अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ हैं। वे न केवल वित्तीय बल्कि आर्थिक शक्ति के मामले में भी आगे हैं। आने वाले समय में, इन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बैंक वैश्विक वित्तीय परिदृश्य पर अपना दबदबा बनाए रखेंगे।
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