Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार रविवार शाम को थम गया। अब मंगलवार, 11 नवंबर को 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा, जिसके लिए चुनाव आयोग और सुरक्षाबलों ने अपनी कमर कस ली है। इस चरण में 1300 से ज्यादा उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा, जिनके भाग्य का पिटारा 14 नवंबर को मतगणना के दिन खुलेगा।
शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नेपाल से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा को शनिवार से ही पूरी तरह सील कर दिया गया है और सीमावर्ती सात जिलों में खास चौकसी बरती जा रही है। इसके अलावा, अंतरराज्यीय सीमाओं पर भी आवाजाही रोक दी गई है।
सुरक्षाबलों की भारी तैनाती
पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने जानकारी दी है कि दूसरे चरण के मतदान के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की 1,650 कंपनियां राज्य भर में तैनात की गई हैं। इसके साथ ही, बिहार पुलिस की अतिरिक्त बटालियन को भी जिलेवार तैनात किया गया है ताकि हर एक बूथ पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न कराया जा सके। संवेदनशील इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस और केंद्रीय बलों की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं।
इन जिलों में होगी वोटिंग
दूसरे चरण में बिहार के 20 जिलों की 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।[1][3] इस चरण में मिथिला, कोसी बेल्ट, पश्चिमी बिहार, मगध और सीमांचल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मतदान होना है।[8] 3.7 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 136 महिला उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
क्या दांव पर है?
पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान हो चुका है और अब दूसरे चरण का मतदान राज्य की अगली सरकार की तस्वीर साफ कर देगा। इस चरण में एनडीए और महागठबंधन, दोनों के कई दिग्गज नेताओं और 12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। जहां एक तरफ एनडीए अपने विकास के कामों को गिनाकर सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रहा है, वहीं महागठबंधन बेरोजगारी, पलायन और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश में है।
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन एनडीए की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेताओं ने रैलियां कीं, तो वहीं महागठबंधन के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने पूरा जोर लगाया। अब फैसला जनता के हाथ में है, जो 11 नवंबर को ईवीएम का बटन दबाकर अपना निर्णय सुनाएगी।
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