us news: डोनाल्ड ट्रंप का ट्रेड वॉर अब पूरी दुनिया की सुर्खियों में है। पहले 60 देशों पर बढ़े हुए टैरिफ और अब चीन पर 104% शुल्क। ये स्पष्ट है कि ट्रंप अपनी अमेरिका फर्स्ट नीति पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं। मंगलवार को व्हाइट हाउस में उन्होंने सांसदों और मंत्रियों के सामने अपने फैसले का बचाव किया। ट्रंप ने कहा कि हमारे उद्योग दशकों से लूटे गए हैं। अब वक्त आ गया है कि हम अपनी मेहनत का फल खुद लें। उनका दावा है कि यह नीति न सिर्फ अमेरिकी श्रमिकों की रक्षा कर रही है, बल्कि खजाने को भी भर रही है।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने भी इसकी तारीफ की। उनका कहना था कि राष्ट्रपति के कदमों का असर साफ दिख रहा है। करीब 70 देश अब हमारे साथ व्यापारिक समझौते की मेज पर आने को तैयार हैं। दुनिया ने लंबे वक्त तक अमेरिकी श्रमिकों का हक छीना, मगर अब ऐसा नहीं चलेगा। प्रवक्ता ने ये भी जोड़ा कि टैरिफ्स से अमेरिकी उद्योगों को नई ताकत मिल रही है।
इतनी कमाई रोजाना कर रहा है अमेरिका
मगर क्या ये दावा हकीकत से मेल खाता है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने हर दिन दो बिलियन डॉलर की कमाई की बात कही। पर इसके पीछे कोई ठोस आँकड़ा या सबूत पेश नहीं किया गया।
अर्थशास्त्रियों का एक तबका इसे संदेह की नजर से देख रहा है। न्यूयॉर्क के एक आर्थिक विश्लेषक ने कहा कि टैरिफ से कुछ राजस्व तो बढ़ेगा, मगर इतनी बड़ी रकम का दावा अतिशयोक्ति लगता है। उल्टा ये शुल्क उपभोक्ताओं पर बोझ डाल सकते हैं और वैश्विक मंदी को हवा दे सकते हैं।
चीन पर 104% टैरिफ का असर भी अभी पूरी तरह सामने आना बाकी है। ये कदम इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर रोजमर्रा की चीजों तक हर चीज को महँगा कर सकता है। जवाब में चीन पहले ही प्रतिशोधी शुल्क लगा चुका है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।


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