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Up kiran,Digital Desk : केंद्र सरकार ने साल 2025 में अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में कई बड़े और फायदेमंद बदलाव किए हैं। सबसे बड़ी खुशखबरी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए है। अब इन कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना (OPS) की तरह रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, सरकार ने पेंशन फंड में निवेश के लिए दो नए विकल्प भी दिए हैं, जिससे कर्मचारियों को अपने भविष्य के लिए बेहतर प्लानिंग करने की आजादी मिलेगी।

खुशखबरी नंबर 1: अब UPS/NPS में भी ग्रेच्युटी का तोहफा

सरकार द्वारा जारी नए आदेश के अनुसार, अब UPS के तहत आने वाले सभी केंद्रीय कर्मचारी रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी पाने के हकदार होंगे, ठीक वैसे ही जैसे OPS में मिलता है।

क्या हैं फायदे:

  • सेवा के दौरान मृत्यु पर: अगर किसी कर्मचारी की सर्विस के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की तरह ही ग्रेच्युटी और अन्य लाभ मिलेंगे, जिससे परिवार को एक बड़ी आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
  • दिव्यांगता या अक्षमता पर: यदि कोई कर्मचारी नौकरी के दौरान किसी कारणवश अक्षम या विकलांग हो जाता है, तो उसे OPS की तरह ही सुरक्षित लाभ चुनने का विकल्प मिलेगा।

यह फैसला केंद्रीय सिविल सेवा (ग्रेच्यु-डी) भुगतान) नियम, 2021 के तहत लिया गया है, जो नई पेंशन स्कीम वाले कर्मचारियों को एक बड़ी सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।

खुशखबरी नंबर 2: पेंशन फंड पर अब आपका कंट्रोल, आए दो नए निवेश विकल्प

सरकार ने UPS और NPS के तहत कर्मचारियों को अपने पेंशन फंड के निवेश पर ज्यादा कंट्रोल देने के लिए दो नए विकल्प शुरू किए हैं - 'लाइफ साइकल' और 'बैलेंस्ड लाइफ साइकल'।

अब आपके पास हैं ये विकल्प:

  1. डिफॉल्ट विकल्प: इसमें आपका पैसा सरकार द्वारा तय पैटर्न के हिसाब से अपने आप निवेश होता है।
  2. स्कीम-जी (सबसे सुरक्षित): अगर आप कोई रिस्क नहीं लेना चाहते, तो इसमें आपका 100% पैसा सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश होता है, जहां रिटर्न फिक्स्ड होता है।
  3. लाइफ साइकल (नया विकल्प): यह उन लोगों के लिए है जो थोड़ा रिस्क लेकर ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं। इसमें आपके पैसे का कुछ हिस्सा इक्विटी (शेयर बाजार) में लगाया जाता है। इसके भी तीन प्रकार हैं:
    • LC-25: इसमें अधिकतम 25% पैसा इक्विटी में लगता है, जो 35 साल की उम्र के बाद धीरे-धीरे कम होता जाता है।
    • LC-50: इसमें अधिकतम 50% पैसा इक्विटी में लगता है।
    • LC-75: यह सबसे आक्रामक विकल्प है, जिसमें 75% तक पैसा इक्विटी में लगाया जा सकता है।
  4. बैलेंस्ड लाइफ साइकल (नया विकल्प): यह LC-50 का ही एक बेहतर वर्जन है, जिसमें आपका पैसा लंबे समय तक इक्विटी में निवेशित रहता है और 45 साल की उम्र के बाद इसमें धीरे-धीरे कमी आती है।

इन नए विकल्पों का मतलब है कि अब कर्मचारी अपनी उम्र और रिस्क लेने की क्षमता के हिसाब से यह तय कर सकते हैं कि वे अपने रिटायरमेंट के पैसे को कैसे बढ़ाना चाहते हैं।