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Up Kiran, Digital Desk: झारखंड की राजधानी रांची में एक बार फिर साइबर अपराधियों ने नई तरकीब से ठगी को अंजाम दिया है। इस बार निशाना बने कांके रोड निवासी 71 वर्षीय बुजुर्ग राजीव गर्ग, जिनसे अपराधियों ने एक मामूली सरकारी बिल के नाम पर करीब 4.68 लाख रुपये निकाल लिए।
जब पानी के कनेक्शन की धमकी बना धोखाधड़ी का रास्ता
राजीव गर्ग को 16 जुलाई को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप पर मैसेज मिला, जिसमें दावा किया गया कि उनका जल कनेक्शन जल्द ही काट दिया जाएगा क्योंकि 2012 से ₹12 की बकाया राशि अब तक जमा नहीं की गई है। इस जानकारी ने बुजुर्ग को चिंता में डाल दिया।
जैसे ही उन्होंने दिए गए नंबर पर संपर्क किया, एक शख्स ने खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताया और ‘तत्काल भुगतान’ की बात कही। इसके बाद उन्हें एक अन्य व्हाट्सऐप नंबर से चैट करने को कहा गया—यहीं से पूरे फ्रॉड की शुरुआत हुई।
कैसे बुना गया ठगी का पूरा जाल
दूसरे नंबर पर संपर्क करने पर राजीव से कहा गया कि बकाया चुकाने के लिए उन्हें एक लिंक या UPI माध्यम से भुगतान करना होगा। इस दौरान उनसे डेबिट कार्ड की जानकारी मांगी गई और जैसे ही उन्होंने विवरण साझा किया, साइबर अपराधियों ने उनके फोन को रिमोटली एक्सेस कर लिया।
हैकिंग के बाद OTP और बैंक से जुड़ी निजी जानकारियां सीधे अपराधियों के पास पहुंच गईं। अगले कुछ घंटों में राजीव गर्ग के बैंक खाते से ₹4,68,000 की बड़ी रकम निकाल ली गई।
पुलिस में शिकायत, लेकिन चिंता पूरे समाज की
राजीव गर्ग ने इस साइबर ठगी को लेकर साइबर थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। उनका कहना है कि ये कोई साधारण धोखाधड़ी नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध साइबर हमला है, जिसमें तकनीकी दखल से उनकी निजी सूचनाओं का दुरुपयोग हुआ।
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