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Up Kiran, Digital Desk: मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 30 अक्टूबर को हुई हिंसक झड़पों के बाद पूर्व विधायक और जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह को 1 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें और उनके दो सहयोगियों को पटना में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

घटना का सिलसिला और पुलिस की कार्रवाई
यह गिरफ्तारी जन सुराज पार्टी के समर्थक 75 वर्षीय दुलारचंद यादव की हत्या से जुड़ी है। यादव की हत्या के बाद हुई हिंसा के दौरान अनंत सिंह की उपस्थिति को लेकर पुलिस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा के अनुसार, सिंह के नेतृत्व में ही दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें पथराव और गोलीबारी शामिल थी। साक्ष्य और गवाहों के बयान से यह पुष्टि हुई है कि सिंह की मौजूदगी में हिंसा घटी।

मोकामा की राजनीतिक उथल-पुथल
मोकामा में चुनावी प्रचार के दौरान अनंत कुमार सिंह के समर्थक और प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच यह संघर्ष गंभीर हो गया। झड़पों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। बिहार के इस संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी माहौल पहले ही तनावपूर्ण था, और इस घटना ने राजनीतिक हलकों में और भी गर्मी बढ़ा दी है।

पुलिस कार्रवाई और आरोप
सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, दो पुलिस अधिकारियों को उनके कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। वहीं, सीआईडी की टीम मामले की गहन जांच कर रही है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।

अनंत सिंह का वीडियो संदेश
गिरफ्तारी के बाद भी, अनंत कुमार सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से मोकामा की जनता को संबोधित किया। पुलिस की सुरक्षा में वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे मोकामा की जनता पर पूरा भरोसा है। इस बार मोकामा की जनता ही चुनाव लड़ेगी।" उनके इस बयान ने क्षेत्र में राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।