Up Kiran, Digital Desk: इंग्लैंड के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन ने आखिरकार द हंड्रेड और फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में अपने नाम पहला विकेट दर्ज कर लिया। 43 वर्षीय एंडरसन ने मंगलवार, 26 अगस्त को हेडिंग्ले में मैनचेस्टर ओरिजिनल्स की ओर से वापसी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया।
इससे पहले खेले गए दो मुकाबलों में उन्हें सफलता नहीं मिली थी और वह खाली हाथ रहे थे। लेकिन इस बार एंडरसन ने मौके को भुनाया और एक ही सेट में लगातार दो बल्लेबाज़ों को आउट कर दिया। उन्होंने महज़ चार गेंदों के अंतराल में डेविड मालन और डैन लॉरेंस को पवेलियन भेजकर अपने अनुभव का दम दिखाया।
मालन-लॉरेंस पर एंडरसन की चालाकी
एंडरसन ने अपने पहले पाँच ओवर बेहद किफायती डाले और एक भी चौका नहीं दिया। उनकी ऑफ स्टंप के बाहर की सटीक गेंदबाज़ी ने मालन को आगे बढ़ने पर मजबूर किया। लेकिन शॉट नियंत्रण में नहीं रहा और गेंद हवा में उठी, जिसे विकेटकीपर जोस बटलर ने बिना गलती के लपक लिया।
इसके बाद लॉरेंस मैदान पर आए और शुरू में कुछ आक्रामक शॉट्स भी खेले। मगर एंडरसन की ऊँची गेंद उनके पैड पर लग गई और अंपायर ने उंगली उठाने में देर नहीं की। लॉरेंस ने रिव्यू लिया लेकिन नतीजा बदलने लायक सबूत नहीं मिला।
ओरिजिनल्स के तेज़ गेंदबाज़ों की चमक
इस मैच से पहले सोनी बेकर, जोश टंग और स्कॉट करी की तिकड़ी ओरिजिनल्स के लिए अच्छा काम कर रही थी। इसी वजह से एंडरसन को ज़्यादा ओवर फेंकने का अवसर नहीं मिला। फिर भी, जैसे ही उन्हें मौका मिला, उन्होंने दिखा दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है।
टीम के लिए यह जीत अहम रही और एंडरसन के लिए आत्मविश्वास वापस पाने का एक बेहतरीन मंच।
करियर जारी रखने की इच्छा
मैच के बाद एंडरसन ने कहा कि वह अभी भी क्रिकेट खेलने के भूखे हैं। उन्होंने बीबीसी स्पोर्ट से बातचीत में कहा, “पक्का नहीं कह सकता कि मैं अगले साल द हंड्रेड में वापसी करूँगा या नहीं। लेकिन सीज़न के अंत तक खेलना चाहता हूँ। इस साल क्रिकेट का मज़ा आया है और महसूस होता है कि मैंने योगदान दिया है। मेरी गेंदबाज़ी उतनी लय में नहीं रही, पर भरोसा है कि आत्मविश्वास और फिटनेस से सब सुधरेगा। हाँ, अभी भी क्रिकेट खेलने की भूख बाकी है।”
आगे का सफर
एंडरसन SA20 नीलामी के लिए पंजीकरण कराने वाले 153 इंग्लिश खिलाड़ियों में शामिल थे। लेकिन उससे पहले उनका ध्यान लंकाशायर के लिए घरेलू सीज़न के बचे मैच खेलने पर होगा। मैनचेस्टर ओरिजिनल्स ने अपने अभियान का समापन पाँच मुकाबलों में तीन जीत के साथ किया।
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