
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में नशे की बढ़ती समस्या चिंता का विषय बनी हुई है, खासकर युवाओं और छात्रों के बीच इसका बढ़ता प्रसार भविष्य के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहा है। इसी गंभीरता को समझते हुए, राज्य सरकार ने इस गंभीर चुनौती से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। अधिकारियों को नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि वे ड्रग्स के तस्करों और विक्रेताओं के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाएं। इसका मतलब है कि नशे के कारोबार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। निर्देश दिए गए हैं कि न केवल बड़े पैमाने पर छापे मारे जाएं और अपराधियों को पकड़ा जाए, बल्कि उन सभी चैनलों को भी बंद किया जाए जिनके जरिए ड्रग्स राज्य में आ रही है।
नशे की पहुंच को खत्म करने के लिए, स्कूलों और कॉलेजों के आसपास विशेष निगरानी रखने को कहा गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षण संस्थानों के पास कोई भी नशीला पदार्थ बेचा या इस्तेमाल न किया जाए। शिक्षण संस्थानों को भी इस अभियान में शामिल होने और छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है।
अधिकारियों ने नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना और मौजूदा केंद्रों को मजबूत करने पर भी जोर दिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जो लोग नशे की चपेट में आ चुके हैं, उन्हें सही इलाज और पुनर्वास मिल सके, ताकि वे एक सामान्य जीवन में लौट सकें।
इस अभियान की सफलता के लिए आम जनता से भी सहयोग की अपील की गई है। लोगों से कहा गया है कि अगर उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि, व्यक्ति या ड्रग्स की बिक्री के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। जानकारी देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
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