
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में जलीय कृषि (एक्वा) क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य सरकार का मानना है कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में तीव्र विकास और स्थिरता लाने के लिए निजी कंपनियों, उद्यमियों और नवोन्मेषकों का सक्रिय सहयोग अनिवार्य है।
हाल ही में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में, अधिकारियों और विशेषज्ञों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि निजी क्षेत्र केवल उत्पादन बढ़ाने तक ही सीमित न रहे, बल्कि मूल्य संवर्धन, कुशल विपणन (मार्केटिंग), प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने में भी अग्रणी भूमिका निभाए। इससे उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ेगी और किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे।
उनका मानना है कि निजी क्षेत्र के निवेश और विशेषज्ञता से किसानों को उन्नत तकनीकों, बेहतर प्रबंधन पद्धतियों और वित्तीय सहायता तक पहुंच मिलेगी। यह आंध्र प्रदेश को 'भारत का एक्वा हब' बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में जलीय उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और एंटीबायोटिक दवाओं के अनावश्यक उपयोग को कम करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। इसके लिए सस्टेनेबल (स्थायी) और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देना आवश्यक है। साथ ही, केवल झींगा और मछली तक सीमित न रहकर, अन्य नई जलीय प्रजातियों के पालन में विविधता लाने पर भी विचार किया जा रहा है, जिससे जोखिम कम होगा और बाजार का विस्तार होगा।
अधिकारियों ने डॉ. वाई.एस.आर. मत्स्यपालन विश्वविद्यालय जैसी संस्थाओं की भूमिका को भी रेखांकित किया। यह विश्वविद्यालय जलीय क्षेत्र में अनुसंधान, विकास और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है, विशेषकर छात्रों और उद्यमियों को प्रशिक्षित करने में ताकि वे इस क्षेत्र की चुनौतियों का सामना कर सकें और नए अवसर तलाश सकें।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह निजी क्षेत्र को आकर्षित करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक नीतिगत सहायता और बुनियादी ढाँचा प्रदान करेगी। इसमें सब्सिडी, ऋण सुविधाएँ और निर्यात प्रोत्साहन शामिल हो सकते हैं।
यह सामूहिक प्रयास न केवल आंध्र प्रदेश के जलीय कृषि क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा, बल्कि हजारों किसानों और श्रमिकों के लिए आजीविका के बेहतर अवसर भी पैदा करेगा, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
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