terrible temples: नर्क चतुर्दशी, जिसे नर्क चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में दीपावली त्योहार का एक अहम हिस्सा है। इस दिन मां काली, यमदेव और श्री श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवताओं के नाम से दीप जलाने से व्यक्ति का भय दूर होता है और बुरी शक्तियां खत्म होती हैं।
ये पर्व तांत्रिक और अघोरी साधनाओं से जुड़ा हुआ है। नर्क चौदस की रात तंत्र साधक मां काली की पूजा करते हैं, और इस वक्त मां काली को उनके सबसे शक्तिशाली रूप में माना जाता है। कुछ मंदिरों में आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित होता है, जबकि केवल अघोरी साधकों को अनुमति दी जाती है। आईये उन मंदिर को बारे में जानते हैं जहां जाने से इंसान बहुत ज्यादा दहशत में आ जाता है।
भुवनेश्वर, ओडिशा: यहां मां चामुण्डा का मंदिर है, जहां नर्क चौदस की रात तांत्रिक साधना के लिए अघोरी एकत्रित होते हैं। शाम के बाद सामान्य लोगों का प्रवेश वर्जित होता है।
बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश: यह शिव मंदिर तांत्रिक साधनाओं के लिए प्रसिद्ध है। नर्क चौदस के दौरान यहां तांत्रिक क्रियाओं की विशेष धारा देखने को मिलती है।
कोलकाता, कालीघाट मंदिर: यह शक्ति पीठ माना जाता है, जहां देवी सती की उंगलियां गिरी थीं। नर्क चौदस की रात तांत्रिकों को ही यहां प्रवेश मिलता है।
मध्य प्रदेश: यहां भगवान भैरव का मंदिर तांत्रिक साधनाओं के लिए प्रसिद्ध है, जहां नर्क चौदस की रात अघोरियों का विशेष जमावड़ा होता है।
बता दें कि इन में सो कई मंदिरों में देवियों को खुश करने के लिए खून भी चढ़ाया और पीया जाता है और ये सब काम अघोरी करते हैं।
नोट- उपरोक्त बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। हमारी टीम इसका समर्थन नहीं करती है।
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