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Up Kiran, Digital Desk: आज (शुक्रवार) दोपहर 1 बजकर 4 मिनट तक आर्द्रा नक्षत्र रहेगा। आकाश में कुल 27 नक्षत्र होते हैं, और आर्द्रा नक्षत्र का नंबर छठा है। 'आर्द्रा' का मतलब होता है 'नमी'। इसे अक्सर आंखों में आने वाले आंसुओं से जोड़कर देखा जाता है, और इसका प्रतीक चिन्ह भी आंसू की बूंद ही माना जाता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, आर्द्रा नक्षत्र पर भगवान शिव के रुद्र रूप का शासन है, और इसके स्वामी ग्रह राहु हैं। इस नक्षत्र के चारों हिस्से मिथुन राशि में आते हैं, इसलिए इसकी राशि मिथुन है।

कैसे होते हैं आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे लोग?

अगर आपका जन्म आर्द्रा नक्षत्र में हुआ है, तो आप स्वभाव से काफी कर्तव्यनिष्ठ, मेहनती और जिम्मेदार हो सकते हैं। आपको जो भी काम सौंपा जाता है, आप उसे पूरी लगन से निभाते हैं। आपमें जानने की इच्छा (जिज्ञासा) काफी होती है। आपको नई चीजों की खोजबीन करना, जासूसी करना या दूर की यात्राएं करना पसंद हो सकता है। ऐसे लोग अक्सर जन्म से ही काफी तेज दिमाग (जीनियस) होते हैं।

आर्द्रा नक्षत्र और शीशम का पेड़

पेड़-पौधों में आर्द्रा नक्षत्र का संबंध शीशम के पेड़ से बताया गया है। इसलिए, जिन लोगों का जन्म आर्द्रा नक्षत्र में हुआ हो, उन्हें शीशम के पेड़ का आदर करना चाहिए, उसे नमस्कार करना चाहिए। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आप जाने-अनजाने में भी शीशम के पेड़, उसकी लकड़ी या पत्तियों को कोई नुकसान न पहुंचाएं और न ही उससे बनी चीजों का इस्तेमाल करें। ऐसा माना जाता है कि इससे आपको शुभ फल मिलते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

आर्द्रा नक्षत्र में किए जाने वाले विशेष उपाय

ज्योतिष में माना जाता है कि विशेष नक्षत्रों में किए गए उपाय ज्यादा फलदायी हो सकते हैं। आर्द्रा नक्षत्र के संयोग में आप जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता पाने के लिए कुछ खास उपाय आजमा सकते हैं:

दांपत्य जीवन में सुख-शांति के लिए: माना जाता है कि आर्द्रा नक्षत्र में रात को सोते समय सिरहाने पर 2 मूली रखकर सोने और सुबह मंदिर में दान करने से (लगातार 7 दिन) लाभ मिलता है।

बिजनेस बढ़ाने के लिए (दूसरे राज्य/विदेश): इस नक्षत्र के दौरान हाथ में कच्चा कोयला लेकर बहते पानी में प्रवाहित करें। संभव हो तो चांदी की एक ठोस गोली अपने ऑफिस या दुकान की तिजोरी में रखें।

जरूरी काम में सफलता के लिए: अगर कोई महत्वपूर्ण काम पूरा नहीं हो पा रहा है, तो आर्द्रा नक्षत्र में देवी सरस्वती के मंदिर जाकर विधि-विधान से पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

आर्थिक समस्या और जिम्मेदारियों के लिए: अगर जिम्मेदारियां ज्यादा हैं और पैसे की कमी है, तो रात को सोते समय सिरहाने पर चंदन का छोटा टुकड़ा रखें। सुबह उठकर राहु के मंत्र ('ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:') का जप करते हुए उसे जल में प्रवाहित कर दें।

मानसिक शांति के लिए: अगर आप किसी बात से परेशान या चिंतित हैं, तो आर्द्रा नक्षत्र में चंदन की माला गले में पहनें और चंदन का तिलक माथे पर लगाएं।

विदेश में नौकरी की इच्छा के लिए: एक कच्चा नारियल और 11 साबुत बादाम लेकर उन्हें एक काले कपड़े में बांधें और बहते जल में प्रवाहित कर दें।

लगातार अड़चनों और असफलता के लिए: घर के मंदिर में लकड़ी की चौकी पर गंगाजल छिड़कें। पीला कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं, सोलह श्रृंगार करें, सफेद फूल चढ़ाएं और खोए की मिठाई का भोग लगाएं।

सौभाग्य बढ़ाने के लिए: आज के दिन एक रुपये का सिक्का मंदिर में मां लक्ष्मी के सामने रखें। मां लक्ष्मी और सिक्के की पूजा करें। अगले दिन उस सिक्के को लाल कपड़े में बांधकर अपने पास रख लें।

विशेष कार्य में सफलता के लिए: किसी खास काम से बाहर जा रहे हैं, तो एक नीला धागा लेकर घर से निकलें और शीशम के पेड़ पर अपना काम मन में कहते हुए वह धागा बांध दें।

समाज/राजनीति में रुतबा बढ़ाने के लिए: आर्द्रा नक्षत्र के दौरान मंदिर में तिल या गेहूं से बनी किसी चीज का, या सिर्फ तिल या गेहूं का दान करें।

किसी को आकर्षित करने के लिए: इस नक्षत्र में संभव हो तो चांदी का, नहीं तो मिट्टी का हाथी घर में स्थापित करें।

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