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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहा भव्य राम मंदिर अब लगभग तैयार हो चुका है। मंदिर का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है और आगामी दो महीनों में यह पूरी तरह से पूरा हो जाएगा। मंदिर परिसर में स्थित सभी छोटे-बड़े मंदिरों में भी दर्शन की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, मुख्य राम मंदिर का निर्माण 5 जून 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी और श्रद्धालु रामलला सहित अन्य देवी-देवताओं के दर्शन कर सकेंगे।

मंदिर परिसर में राम दरबार के अलावा छह और मंदिर भी बनाए गए हैं। इनमें महर्षि वाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, शबरी माता, अहिल्या माता, निषादराज और अगस्त्य मुनि के मंदिर शामिल हैं। इन सभी मंदिरों में भी 5 जून से विधिवत पूजा शुरू हो जाएगी।

राम मंदिर की वास्तुकला बेहद खास है। यह मंदिर नागरा शैली में बनाया गया है और इसकी ऊंचाई लगभग 161 फीट होगी। मंदिर में कुल 392 स्तंभ (pillars) और 44 भव्य दरवाजे होंगे। रामलला की मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जा चुकी है, और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों का स्थान निर्धारित कर दिया गया है।

श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में तीन निकासी मार्ग बनाए गए हैं ताकि भीड़ का संचालन सुचारु रूप से किया जा सके। इसके अलावा दर्शन की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है।

अब जबकि मंदिर निर्माण अपने अंतिम चरण में है, श्रद्धालुओं में उत्साह और भक्ति का माहौल और अधिक बढ़ गया है। जून महीने से रामनगरी अयोध्या में भक्तों की भारी भीड़ जुटने की संभावना है, जिससे यह स्थल और भी जीवंत हो जाएगा।

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