Up Kiran, Digital Desk: जब भी कोलेस्ट्रॉल का नाम आता है, तो हमारे दिमाग में सिर्फ एक ही तस्वीर बनती है - तेल, घी, मोटापा और दिल का दौरा। इसे आज के दौर का सबसे बड़ा 'विलेन' बना दिया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल के बारे में जो बातें हम सालों से सुनते आ रहे हैं, उनमें से ज़्यादातर या तो आधी-अधूरी हैं या फिर पूरी तरह से गलत?
ये गलतफहमियां ही हैं जो इसे एक 'साइलेंट किलर' बनाती हैं। भारत में दिल के मरीजों की बढ़ती संख्या के पीछे एक बड़ी वजह कोलेस्ट्रॉल को लेकर सही जानकारी का न होना भी है। तो चलिए, आज इन सभी मिथकों का पर्दाफाश करते हैं और जानते हैं वो सच जो आपके दिल को हमेशा जवान रखने के लिए बेहद ज़रूरी है।
मिथक 1: सारा कोलेस्ट्रॉल 'बुरा' होता है।
सच: यह सबसे बड़ा झूठ है। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए ज़रूरी भी है। यह कोशिकाओं को बनाने और हॉर्मोन्स को रेगुलेट करने में मदद करता है। असल में कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है:
LDL (लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन): इसे 'बैड' कोलेस्ट्रॉल कहते हैं क्योंकि इसकी ज़्यादा मात्रा नसों में जमा होकर ब्लॉकेज कर सकती है। यह है असली 'विलेन'।
HDL (हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन): इसे 'गुड' कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। यह है हमारी कहानी का 'हीरो', जो नसों में जमे बैड कोलेस्ट्रॉल को साफ करके वापस लिवर तक ले जाता है।
मिथक 2: सिर्फ मोटे लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
सच: आपकी बॉडी का साइज देखकर कोलेस्ट्रॉल का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता। कई पतले और फिट दिखने वाले लोगों का कोलेस्ट्रॉल लेवल भी खतरनाक रूप से बढ़ा हुआ हो सकता है। इसके पीछे आपका खान-पान, एक्सरसाइज की कमी, स्मोकिंग और सबसे बढ़कर आपके जेनेटिक्स (genetics) एक बड़ी भूमिका निभाते हैं।
मिथक 3: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शरीर में लक्षण दिखने लगते हैं।
सच: यही इस बीमारी की सबसे खतरनाक बात है। हाई कोलेस्ट्रॉल का शुरुआती स्टेज में कोई लक्षण नहीं होता। यह चुपचाप आपके शरीर के अंदर नसों को ब्लॉक करता रहता है। जब तक लक्षण (जैसे सीने में दर्द या सांस फूलना) दिखते हैं, तब तक अक्सर बहुत देर हो चुकी होती है। इसे जानने का एकमात्र तरीका है ब्लड टेस्ट (Lipid Profile Test)।
मिथक 4: यह सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी है।
सच: आज की खराब लाइफस्टाइल और जंक फूड कल्चर की वजह से अब यह धारणा पूरी तरह से गलत साबित हो चुकी है। आजकल 25-30 साल के युवाओं में भी हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या आम हो गई है। इसलिए उम्र का इंतज़ार न करें, समय पर अपनी जांच ज़रूर कराएं।
मिथक 5: अंडा और घी खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
सच: यह आधा सच है। शरीर में ज़्यादातर कोलेस्ट्रॉल हमारा लिवर खुद बनाता है, न कि सीधे खाने से आता है। समस्या घी या अंडे से उतनी नहीं है, जितनी सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट (जो डीप फ्राइड चीज़ों, बेकरी प्रोडक्ट्स और प्रोसेस्ड फूड में होता है) से है। सीमित मात्रा में घर का बना घी और दिन में एक-दो अंडे आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
तो क्या करें?सुनी-सुनाई बातों पर यकीन करने के बजाय डॉक्टर से सलाह लें। 30 की उम्र के बाद साल में एक बार अपना लिपिड प्रोफाइल टेस्ट ज़रूर कराएं। अपनी डाइट में फल, सब्ज़ियां, और फाइबर वाली चीजें शामिल करें और रोज़ कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। आपका दिल आपको धन्यवाद देगा।



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