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Up Kiran, Digital Desk: भगवान विष्णु की कृपा पाने और हर तरह के पापों से मुक्ति के लिए एकादशी व्रत को सबसे उत्तम माना गया है। हर महीने में दो बार आने वाला यह व्रत न सिर्फ आध्यात्मिक शांति देता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी लाता है। कई लोग इस पुण्यदायी व्रत को शुरू करने की इच्छा रखते हैं, लेकिन सही जानकारी न होने के कारण समझ नहीं पाते कि कब और कैसे इसकी शुरुआत करें।

अगर आप भी साल 2025 में एकादशी का व्रत शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके बहुत काम आने वाली है।

2025 में कब से करें एकादशी व्रत की शुरुआत?

 

शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत की शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी से करना सबसे शुभ माना जाता है। हालांकि, मार्गशीर्ष (अगहन) महीने की उत्पन्ना एकादशी से इस व्रत को शुरू करने का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था।

2025 में पहली एकादशी:


साल 2025 की पहली एकादशी 'पौष पुत्रदा एकादशी' है, जो 10 जनवरी, शुक्रवार को पड़ रही है।

 यह दिन व्रत की शुरुआत के लिए बहुत शुभ है। इसके बाद 25 जनवरी को षटतिला एकादशी पड़ेगी।

 

एकादशी व्रत के नियम, जिन्हें जानना है बेहद जरूरी

 

एकादशी का व्रत सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं है, बल्कि यह तन और मन के संयम का भी पर्व है। इसके नियम दशमी तिथि (एकादशी से एक दिन पहले) से ही शुरू हो जाते हैं और द्वादशी (एकादशी के अगले दिन) को पारण के बाद पूरे होते हैं।

व्रत का पारण (व्रत कैसे खोलें)

 

व्रत जितना महत्वपूर्ण है, उसका पारण यानी उसे खोलने का तरीका भी उतना ही जरूरी है।

एकादशी का व्रत श्रद्धा और नियम का व्रत है। अगर आप पूरी निष्ठा से इन नियमों का पालन करते हुए व्रत की शुरुआत करते हैं, तो भगवान विष्णु की कृपा आप पर अवश्य बनी रहेगी।