Up Kiran, Digital Desk: सोचना भी डरावना लगता है, लेकिन यह आज की कड़वी सच्चाई है। जिस स्ट्रोक (जिसे दिमागी दौरा भी कहते हैं) को हम अब तक बड़े-बुजुर्गों की बीमारी मानते आए थे, वो अब 40 साल से कम उम्र के युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। भारत में यह एक ऐसी छुपी हुई स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जिस पर तुरंत ध्यान देना ज़रूरी है।
भागदौड़ भरी ज़िंदगी, काम का बढ़ता तनाव, और खराब लाइफस्टाइल, ये सब मिलकर युवाओं के दिमाग पर भारी पड़ रहे हैं।
क्यों बढ़ रहा है युवाओं में स्ट्रोक का खतरा?
डॉक्टरों का मानना है कि इसके पीछे कोई एक नहीं, बल्कि कई वजहें हैं। हमारी रोज़मर्रा की आदतें ही हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन रही हैं:
स्ट्रोक के इन लक्षणों को भूलकर भी न करें नज़रअंदाज़
स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानने के लिए B.E. F.A.S.T. का नियम याद रखना बहुत ज़रूरी है। यह आपकी या आपके किसी अपने की जान बचा सकता है:
कैसे बचें इस जानलेवा खतरे से?
रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर है। अपनी ज़िंदगी में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं:
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