
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पूरे इलाके में सुरक्षा एजेंसियों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। इसी दौरान पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर घुसपैठ की कोशिश की गई, जिसे सेना ने मुस्तैदी से नाकाम कर दिया।
उरी सेक्टर में आतंकियों ने दी घुसपैठ की चुनौती
23 अप्रैल 2025 को बारामुल्ला जिले के उरी सेक्टर के ओपी टिक्का इलाके में सरजीवन के जनरल क्षेत्र से 2-3 आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा पार कर भारत में घुसने की कोशिश की। सेना के टीपीएस जवानों ने उन्हें समय रहते देख लिया और रोकने की कोशिश की। इसके जवाब में आतंकियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सेना ने भी फायरिंग की और आतंकियों को आगे बढ़ने से रोक दिया।
मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, हथियार बरामद
सेना ने पुष्टि की है कि मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए हैं। उनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार, गोलियां और अन्य युद्ध संबंधी सामग्री बरामद की गई है। फिलहाल ऑपरेशन जारी है और बाकी छिपे हुए आतंकियों की तलाश में क्षेत्र में गहन तलाशी ली जा रही है।
पहलगाम में 26 लोगों की मौत, पूरे देश में अलर्ट
इससे पहले मंगलवार को कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में आतंकियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। हमले में घायल हुए 17 लोगों का इलाज चल रहा है। यह हमला दोपहर करीब 3 बजे हुआ जब पर्यटक और स्थानीय लोग बैसरन के खुले मैदान में मौजूद थे।
घटना के बाद सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया और सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया। हमले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली, मुंबई और उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर हाई अलर्ट जारी किया गया है।
प्रधानमंत्री का सख्त रुख, सुरक्षा बैठक में लिया हालात का जायजा
हमले की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़कर बुधवार सुबह दिल्ली लौटने का फैसला लिया। लौटते ही उन्होंने कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की बैठक बुलाई और अधिकारियों से हमले की जानकारी ली। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
सरकार का रुख साफ है—ऐसी घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सेना और सुरक्षा बलों को निर्देश दिए गए हैं कि आतंकियों के खिलाफ कठोर और निर्णायक कार्रवाई की जाए।
यह पूरी घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद भारत के लिए एक स्थायी खतरा बना हुआ है। लेकिन भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं और हर घुसपैठ और हमले की कोशिश को नाकाम करने के लिए तैयार हैं।