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Up Kiran, Digital Desk: ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव के बीच घटनाक्रम अब एक भयानक मोड़ लेता नजर आ रहा है। जहां एक ओर पश्चिम एशिया में जंग के बादल मंडरा रहे हैं वहीं शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास से आए बयान ने राजनयिक हलकों में नई हलचल पैदा कर दी।

ईरानी दूतावास में उप मिशन प्रमुख जावेद हुसैनी ने बेहद साफ शब्दों में कहा "अगर इस संघर्ष में कोई तीसरा पक्ष शामिल हुआ तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उम्मीद है कि पाकिस्तान हमारे साथ खड़ा रहेगा। अगर आज इजरायल को नहीं रोका गया तो कल कई और देशों पर हमला हो सकता है।"

यह टिप्पणी न केवल पाकिस्तान के लिए अप्रत्यक्ष चेतावनी थी बल्कि एक कूटनीतिक संकेत भी कि ईरान अपनी सीमाओं से बाहर किसी भी दखल को अब सीधे तौर पर खतरे की नजर से देख रहा है।

बातचीत के दौरान हुसैनी ने संकेत दिया कि ईरान के पास कुछ ऐसे सामर्थ्य हैं जिन्हें उसने अब तक छिपाकर रखा है। उन्होंने कहा "यह ईरान और इजरायल का द्विपक्षीय संघर्ष है। किसी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी केवल हालात को और जटिल बना देगी।"

ये बातें तब सामने आईं जब उनसे पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात को लेकर सवाल पूछा गया। कुछ हफ्ते पहले असीम मुनीर ने ईरान जाकर सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई से भी मुलाकात की थी। ऐसे में उनके अमेरिका दौरे को लेकर सोशल मीडिया और रणनीतिक विशेषज्ञों के बीच सवाल उठ रहे हैं कि पाकिस्तान वास्तव में किस पाले में खड़ा है?
 

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