Bangladeshi Hindu: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध अब सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका असर पूरी दुनिया में दिखने लगा है। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठने लगा है. इसी तरह अब भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इस जुल्म के विरुद्ध आवाज उठने लगी है. अमेरिका में लोग सड़कों पर उतरकर विरोध और प्रदर्शन करने लगे।
कोरोलरी स्ट्रीम, शिकागो इलिनोइस के राणा रीगन सेंटर में लगभग 500 भारतीय अमेरिकी हिंदुओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के विरुद्ध शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। इसी विरोध समूह ने दो महीने पहले हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा के विरुद्ध एक शांतिपूर्ण रैली भी आयोजित की थी।
इस कार्यक्रम में शिकागो के 'इंडियन सीनियर्स' के अध्यक्ष हरिभाई पटेल ने बताया कि कैसे बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को नष्ट किया जा रहा है और हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है। शिकागो से डॉ राम चक्रवर्ती ने बताई बांग्लादेश में हिंदुओं की मौजूदा स्थिति सेना और पुलिस भी युवा लड़कियों और लड़कों को उठा रही है और उनका जबरन धर्म परिवर्तन करा रही है। हर बार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. इसलिए उन्होंने यह भी मांग की कि हम हिंदुओं को 'हिंदू देश' चाहिए।
एफआईए के डॉ. रश्मि पटेल ने कहा कि हम यूएसए राष्ट्रपति को संदेश भेजेंगे कि यह बांग्लादेश में होने वाला सबसे बड़ा हिंदू नरसंहार है. अमेरिका में हिंदुओं को इस मुद्दे पर अपने सीनेटरों से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा जाने-माने डॉक्टर भरत बराई ने कहा कि 1947 में पाकिस्तान में हिंदू आबादी 12 फीसदी थी, जो अब घटकर 2 से 3 फीसदी रह गई है। बांग्लादेश में हिंदू 33 फीसदी थे, अब घटकर 6 फीसदी रह गए हैं. या तो उनकी हत्या की जा रही है या उनका धर्मांतरण किया जा रहा है और अन्य कारणों की भी जांच होनी चाहिए।
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