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Up Kiran, Digital Desk: मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने ईरान में मौजूद अपने नागरिकों को निकालने के लिए एक आपातकालीन योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। यह तैयारी इस बढ़ती आशंका के कारण हो रही है कि इजरायल, ईरान के परमाणु ठिकानों पर एक बड़ा सैन्य हमला कर सकता है।

ऑस्ट्रेलिया के विदेश और व्यापार विभाग (DFAT) ने इस "सबसे खराब स्थिति" (worst-case scenario) के लिए एक आकस्मिक योजना तैयार की है। रिपोर्टों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ अमेरिका और ब्रिटेन जैसी अन्य पश्चिमी सरकारें भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इजरायल, ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए एकतरफा सैन्य कार्रवाई कर सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने हाल ही में पुष्टि की है कि ईरान के पास उच्च-समृद्ध यूरेनियम का भंडार लगातार बढ़ रहा है, जिसे इजरायल अपने अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में देखता है।

इस खतरे को देखते हुए, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने ईरान के लिए अपनी यात्रा सलाह को अपडेट किया है। उसने नागरिकों से ईरान की यात्रा करने की अपनी योजना पर "पुनर्विचार" करने का आग्रह किया है। साथ ही, जो ऑस्ट्रेलियाई नागरिक पहले से ईरान में हैं, उन्हें सलाह दी गई है कि वे सुरक्षा स्थिति को देखते हुए देश छोड़ने पर गंभीरता से विचार करें।

अधिकारियों का मानना है कि अगर सैन्य संघर्ष छिड़ता है तो नागरिकों को वहां से निकालना एक बेहद जटिल और खतरनाक प्रक्रिया होगी। यह कदम क्षेत्र में एक बड़े टकराव की बढ़ती संभावना को दर्शाता है।