
Up Kiran, Digital Desk: ऑस्ट्रेलिया के टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज़ मार्नस लैबुशेन ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी तकनीक के प्रति अपने जुनून को पीछे छोड़ दिया है ताकि 21 नवंबर से पर्थ में शुरू हो रही प्रतिष्ठित एशेज सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में अपनी जगह वापस पा सकें.
लैबुशेन को जून में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से बाहर कर दिया गया था. इसका कारण वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में बतौर ओपनर उनका खराब प्रदर्शन था. 58 टेस्ट मैच खेल चुके लैबुशेन अपनी पिछली 53 पारियों में सिर्फ एक शतक लगा पाए, जिसके कारण उन्हें टीम से अपनी जगह गंवानी पड़ी.
'खुद को फिर से तैयार करने का मौका मिला'
लैबुशेन ने क्रिकेट.कॉम.एयू से बात करते हुए कहा, "समय के साथ मेरी तकनीक वैसी नहीं रही जैसी मैं चाहता था. शायद मैंने इसे ठीक करने की कोशिश में बहुत ज़्यादा समय और ध्यान लगा दिया, बजाय इसके कि जो मेरे पास है, उसी के साथ खेलूं. लेकिन अब यह एक अच्छा ब्रेक रहा है, खुद को फिर से तैयार करने का और यह सोचने का कि 'ठीक है, मैं वेस्टइंडीज सीरीज से चूक गया, अब मुझे एशेज के लिए खुद को कैसे तैयार करना है?'"
उन्होंने आगे कहा, "निश्चित रूप से, पहला टेस्ट शुरू होने तक टीम में वापस आना ही मेरा अंतिम लक्ष्य है. स्पॉटलाइट से थोड़ा दूर रहकर यह सोचने का मौका मिला कि मैं अपने खेल को कहां ले जाना चाहता हूं. मैंने कुछ तकनीकी बदलाव किए हैं, जिन पर मैं पिछले तीन महीनों से काम कर रहा हूं ताकि मैं अपनी बल्लेबाज़ी को उस स्तर पर ला सकूं जहां मैं इसे देखना चाहता हूं."
"दो साल पहले मैं दुनिया के बेस्ट बल्लेबाज़ों में से एक था"
अपने आत्मविश्वास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "अच्छी बात यह है कि आप जानते हैं कि आपने यह पहले किया है, है ना? दो साल पहले मैं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक था. आप जानते हैं कि वह क्षमता आपके अंदर है. आपको बस ड्रॉइंग बोर्ड पर वापस जाना है और उस निरंतरता और मानसिक स्पष्टता को खोजना है ताकि मैदान पर जाकर अच्छा प्रदर्शन कर सकें."
दीवार तोड़ने के बजाय दरवाजा खोलना बेहतर"
लैबुशेन को पहले नेट्स पर घंटों पसीना बहाने के लिए जाना जाता था, लेकिन अब उन्होंने अपनी ट्रेनिंग में एक स्मार्ट तरीका अपनाया है. उन्होंने कहा, “मैंने मानसिक रूप से एक कदम पीछे लिया और यह देखा कि मैं क्या हासिल करना चाहता हूं. मैं बस आंख बंद करके हमला नहीं करना चाहता था.
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