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तमाम दावों, अटकलों, एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में शानदार जीत हासिल की है। पर चूंकि इस बार का चुनाव चुनौतीपूर्ण था, इसलिए भाजपा ने मध्य प्रदेश में CM पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी। पर अब जीत के बाद इस जीत का श्रेय CM शिवराज सिंह चौहान को दिया जा रहा है।

तो वहीं अब मध्य प्रदेश में 160 से ज्यादा सीटों पर बढ़त के बाद अगर पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को दोबारा CM बनने का मौका नहीं दिया तो यह बहस छिड़ गई है कि मध्य प्रदेश के CM पद का भार किसके गले पड़ेगा। अब प्रचंड जीत के बाद ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा को CM पद शिवराज सिंह चौहान को सौंपना पड़ेगा। हालाँकि, अगर पार्टी CM के रूप में कोई नया चेहरा देने के बारे में सोचती है, तो निम्नलिखित नाम सबसे आगे होंगे।

इनमें सबसे पहला नाम है ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया का। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने में कामयाब रही। इस चुनाव में भी भाजपा को ज्योतिरादित्य शिंदे के प्रभाव वाले इलाके में अच्छी सफलता मिली है। आज सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया  खुद शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचे। उससे चर्चा है कि CM पद के लिए उनके नाम पर विचार किया जा रहा है।

भाजपा के CM पद के दावेदारों में दूसरा नाम कैलाश विजयवर्गीय का है। विधानसभा के लिए नामांकन के बाद से ही सांसद विजयवर्गीय जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं। उससे तो यही लगता है कि वह CM पद के इच्छुक हैं।

CM पद के दावेदारों में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी बताया जा रहा है। जब से तोमर को मध्य प्रदेश में चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया है, तब से CM पद के लिए उनके नाम की चर्चा चल रही है।

इस लिस्ट में अगला नाम है मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी. डी. शर्मा। उन्हें CM पद की दौड़ में छुपा रुस्तम माना जा रहा है। उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है। पर चुनाव प्रचार के दौरान लगातार ऐसे संकेत मिल रहे थे कि उन्हें CM पद का दावेदार माना जा रहा है।

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