
Bihar Elections 2025: बिहार में विधानसभा इलेक्शन की तारीखों का ऐलान भले ही कुछ महीने दूर हो, मगर चुनावी माहौल पहले से ही गर्माने लगा है। इलेक्शन के लिए अब तक की तैयारी और सियासी बयानबाजियां इस बात का संकेत दे रही हैं कि 2025 का चुनाव हर पार्टी के लिए कड़ा हो सकता है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक नया चुनावी मुद्दा उठाया है, जो राज्य की सियासत में भूचाल ला सकता है।
क्या है बीजेपी का नया मुद्दा
प्रदेश के मिथिला क्षेत्र में स्थित सीतामढ़ी, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व प्राप्त है। अब एक नए सियासी एजेंडे का केंद्र बन सकता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में अहमदाबाद में आयोजित शाश्वत मिथिला योजना 2025 कार्यक्रम के दौरान एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि हम सबने मिलकर राम मंदिर बनाया। अब बिहार की धरती सीतामढ़ी में भव्य सीता मंदिर बनना है।
अमित शाह ने इस परियोजना को चुनावी मुद्दा बनाने का ऐलान करते हुए ये भी कहा कि यह पहल श्री राम जी और माता सीता के आदर्शों पर आधारित होगी। उन्होंने मिथिला क्षेत्र के लोगों से इस कार्य में सहयोग की अपील की ताकि सीता मंदिर का जीर्णोद्धार एक वास्तविकता बन सके।
विपक्षी दलों ने किया विरोध
इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया है। मुख्य विपक्षी दल आरजेडी ने बीजेपी के इस कदम पर तीव्र विरोध जताया है। राजद का कहना है कि मंदिर के जीर्णोद्धार का श्रेय बीजेपी को नहीं दिया जा सकता क्योंकि ये एक सामूहिक प्रयास का हिस्सा है।
वहीं, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार से अधिक धनराशि की मांग की है ताकि ये योजना सही तरीके से कार्यान्वित हो सके। जदयू के नेताओं का कहना है कि केवल एक सियासी एजेंडे के तौर पर इस मुद्दे को उठाना बिहार की आवाम के हित में नहीं होगा।
चुनाव में बीजेपी को होगा बड़ा फायदा
सियासी जानकारों का मानना है कि अमित शाह का ये कदम बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है खासकर मिथिला क्षेत्र में। मिथिलांचल में ये मुद्दा चुनावी जंग का अहम हिस्सा बन सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र के लोग धार्मिक दृष्टि से बहुत संवेदनशील होते हैं। यदि बीजेपी इस मुद्दे को चुनावी प्रचार में प्रभावी तरीके से शामिल करती है, तो इसे पार्टी के पक्ष में एक बड़ा फायदा मिल सकता है।