बिहार में चुनाव आयोग ने मतदाताओं की जानकारी की जांच के लिए ‘विशेष गहन सत्यापन कार्यक्रम’ शुरू किया है। इस प्रक्रिया के तहत वोटरों को फॉर्म भरने और पहचान संबंधी दस्तावेज दिखाने होंगे।
बिहार में चुनाव आयोग ने एक नया अभियान शुरू किया है, जिसका नाम है 'विशेष गहन सत्यापन कार्यक्रम' (Special Summary Revision - SSR)। यह कार्यक्रम 1 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चलेगा। इसका उद्देश्य वोटर लिस्ट को सही और अपडेट करना है।
इस प्रक्रिया में सभी मतदाताओं को अपनी पहचान, उम्र और पते से संबंधित दस्तावेज दिखाने होंगे। अगर किसी वोटर की जानकारी गलत है, डुप्लीकेट नाम है या वह व्यक्ति अब जीवित नहीं है, तो उसे हटाया जाएगा। वहीं, नए वोटर जिनकी उम्र 18 साल पूरी हो चुकी है, वे इस अभियान के तहत अपना नाम जोड़ सकते हैं।
चुनाव आयोग द्वारा BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करेंगे और फॉर्म-6, फॉर्म-7 व फॉर्म-8 भरवाएंगे। फॉर्म-6 नए मतदाताओं के लिए है, फॉर्म-7 नाम हटाने के लिए और फॉर्म-8 जानकारी में सुधार के लिए है।
इस अभियान का एक और उद्देश्य यह भी है कि दोहरी प्रविष्टि (डुप्लीकेट एंट्री) को रोका जाए और हर वोटर का एक ही जगह पर नाम रहे। इसके लिए आधार कार्ड, वोटर ID, राशन कार्ड या अन्य सरकारी दस्तावेजों को दिखाना अनिवार्य होगा।
अगर आप मतदाता हैं और आपका नाम वोटर लिस्ट में है या आप नया नाम जोड़ना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा मौका है। इस दौरान किए गए बदलाव 2025 की वोटर लिस्ट में दिखाई देंगे।
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