एक समय से पहले बच्चे का जन्म हुआ। डॉक्टर ने बताया था कि इस बच्चे के फेफड़े कमजोर हैं। यह इस बात का मामला है कि आप जीवित बचेंगे या नहीं। मगर वह बच्चा ज़िद करके जीता रहा। डॉक्टर ने तब कहा, "उसे कोई खेल खेलने दो, उसके फेफड़ों की ताकत बढ़ जाएगी।" तो फिर उन्होंने उसे क्रिकेट खेलने के लिए भेजना शुरू कर दिया।
यह कहानी है करुण नायर की! वही करुण जो परसों बुमराह जैसे गेंदबाज की धुनाई कर रहा था, मानो उसे पता हो कि बुमराह कौन सी गेंद फेंकेगा। मगर उस दिन दुनिया ने जिस सफल करुण नायर को देखा, वह उनकी कहानी नहीं है। यह असफलता और फिर भी सफलता की कहानी है, एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहा है और लगातार अपने अस्तित्व को दांव पर लगा रहा है।
माता-पिता केरल से हैं। उनका जन्म राजस्थान में हुआ था। क्योंकि उनके पिता, जो मैकेनिकल इंजीनियर थे, उनका वहां तबादला हो गया था। बाद में उनका तबादला बैंगलोर कर दिया गया। वह चिन्नास्वामी स्टेडियम में स्प्रिंकलर सिस्टम के काम की देखरेख कर रहे थे। उस समय यह लड़का क्रिकेट खेल रहा था। शानदार बल्लेबाजी, अच्छी तकनीक और ढेर सारे शॉट।
वह कर्नाटक के लिए रणजी खेलकर भारतीय टीम में पहुंचे। उन्होंने आईपीएल भी जीता। वो दिल्ली टीम के कप्तान भी बने।
साल 2016 भारतीय टीम में चयन होने के बाद वह भगवान की पूजा करने के लिए केरल जा रहे थे। नाव पलट गई और दुर्घटना हो गई। उसकी जान तो बच गई, मगर क्रिकेटर का स्वस्थ्य खराब हो गया। सारे दरवाजे उसके सामने बंद होने लगे। 17 दिसंबर 2022 को उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रिय क्रिकेट, मुझे एक और मौका दो!’
भले ही वह ट्वीट आज वायरल है, मगर उस समय उसका मजाक उड़ाया गया था। मगर करुण ने विदर्भ के लिए रणजी खेलते हुए रन बनाए। उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में 540 से अधिक रन बनाए। और परसों, आईपीएल के मैच में दुनिया का सबसे अच्छा गेंदबाज बुमराह उनके सामने बेबस खड़ा था.. आखिरकार क्रिकेट ने उन्हें मौका देने का फैसला किया..!

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