डूब क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री पर लगी रोक को हटा दिया गया है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने नई नीतियाँ बनाई हैं जिसके अनुसार किसानों को अब जिला प्रशासन या प्रधानमंत्री अवास योजना (PMAY) के तहत एनओसी (NOC) लेने की जरूरत नहीं होगी। अब, खातेदार को अपनी जमीन को खाते में दर्ज कराने के बाद उसे एक बार में पूरी जमीन बेचनी होगी।
इस नई नीति के अनुसार, सहखातेदार को प्रशासनिक समिति से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा जब वह जमीन खरीदना चाहेगा। जिला स्तर पर पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें संबंधित एसडीएम, सिंचाई विभाग, संबंधित प्राधिकरण का नोडल अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सर्वे विभाग का एक-एक अधिकारी शामिल हैं। यह समिति किसान के आवेदन पर जमीन की जाँच करेगी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर सब रजिस्ट्रार को रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए जाएंगे।
इस नई पहल में यह भी ध्यान दिया गया है कि किसानों को अपनी ज़मीन पर अतिक्रमण नहीं करना होगा, जिससे कि डूब क्षेत्र की स्वच्छता बनी रहे। इस पहल से किसानों को जमीन की खरीद-बिक्री में आसानी होगी और वह निरंतर अपने कृषि उत्पादों की उत्पन्नति में सहायता कर सकेंगे।
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