
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रेस्टीज ग्रुप ने बेंगलुरु के सरजापुर रोड स्थित प्रेस्टीज टेक पार्क में "प्रेस्टीज हेल्थकेयर" नामक अपना अत्याधुनिक, 150 बिस्तरों वाला अस्पताल शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य देश में व्याप्त "अपारदर्शी" स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की चुनौतियों का समाधान करना है, जहाँ लागत और उपचार की गुणवत्ता अक्सर अस्पष्ट रहती है।
प्रेस्टीज ग्रुप के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, इरफ़ान रज़ाक ने इस अस्पताल के उद्घाटन पर कहा कि यह केवल एक व्यावसायिक विस्तार नहीं है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी स्वास्थ्य सेवा की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने की दिशा में एक प्रतिबद्धता है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में स्वास्थ्य सेवा अक्सर अपनी अस्पष्टता, अप्रत्याशित लागतों और रोगी की संतुष्टि पर ध्यान न देने के लिए जानी जाती है। प्रेस्टीज हेल्थकेयर का लक्ष्य एक ऐसा मॉडल स्थापित करना है जो इन कमियों को दूर करे और रोगियों को सशक्त बनाए। रजाक ने विश्वास व्यक्त किया कि यह नई पहल प्रेस्टीज ग्रुप की "बियॉन्ड स्पेसेस" की विरासत को आगे बढ़ाएगी, जिसका अर्थ है सिर्फ इमारतों का निर्माण नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
प्रेस्टीज हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक, डॉ. एस. के. सुब्रह्मण्यम ने अस्पताल के दृष्टिकोण को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि अस्पताल रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ-साथ चिकित्सा नैतिकता और पारदर्शिता पर अत्यधिक जोर देता है। यह अस्पताल प्राथमिक, माध्यमिक और विशिष्ट तृतीयक देखभाल सेवाएं प्रदान करेगा।
डॉ. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि वे प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेंगे, जिससे कागजी कार्रवाई कम होगी और रोगी के अनुभव में सुधार होगा। अस्पताल का उद्देश्य उच्च योग्य चिकित्सा पेशेवरों और सहायता कर्मचारियों को आकर्षित करना और बनाए रखना भी है, जिसके लिए एक सहयोगी और सहायक कार्य वातावरण बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, कागजी कार्रवाई कम करना और एक ऐसा तंत्र बनाना है जो रोगियों के विश्वास को प्राथमिकता दे।
इस नए अस्पताल से बेंगलुरु के निवासियों और आसपास के कॉर्पोरेट कर्मचारियों को विशेष रूप से लाभ होने की उम्मीद है। प्रेस्टीज हेल्थकेयर का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवा को सुलभ, भरोसेमंद और किफायती बनाना है, जिससे मरीजों और उनके परिवारों को शांति मिल सके। यह कदम निश्चित रूप से भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही के एक नए युग की शुरुआत कर सकता है।
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