
Up Kiran, Digital Desk:निजीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, आईडीबीआई बैंक के शेयरों में शुक्रवार को भारी उछाल देखने को मिला। यह उछाल इस खबर के बाद आया कि सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया के अंतिम चरणों में हैं।
पिछले कुछ दिनों से आईडीबीआई बैंक के शेयरों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है, जो इस संभावित बदलाव को लेकर निवेशकों के उत्साह को दर्शाता है। सरकार और एलआईसी मिलकर बैंक में अपनी 60.72% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं, जिसका उद्देश्य आईडीबीआई बैंक को एक निजी इकाई के रूप में स्थापित करना है।
वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने सूचित किया है कि योग्य बोलीदाताओं को अब बैंक के वित्तीय आंकड़ों तक पहुंच दी जाएगी। इसके लिए एक 'वर्चुअल डेटा रूम' स्थापित किया गया है। इससे पहले, सरकार को कई संभावित खरीदारों से 'अभिव्यक्ति की रुचि' (EoI) प्राप्त हुई थी, जिसमें प्रमुख घरेलू और विदेशी निवेशक शामिल हैं।
यह निजीकरण मोदी सरकार की व्यापक विनिवेश रणनीति का हिस्सा है। सरकार गैर-रणनीतिक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) को निजीकरण कर राजस्व जुटाना चाहती है और सरकारी उपस्थिति को कम करना चाहती है ताकि सरकारी खजाने पर दबाव कम हो सके और बैंकों को अधिक व्यावसायिक स्वतंत्रता मिल सके।
आईडीबीआई बैंक का निजीकरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिससे भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और बैंक के लिए नए विकास के रास्ते खुलने की उम्मीद है। बाजार अब इस प्रक्रिया के अगले चरणों और अंतिम बोली लगाने वालों पर करीब से नजर रखे हुए है।
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