
Up Kiran, Digital Desk: भारत अपनी बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लगातार नए रास्ते तलाश रहा है, खासकर स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा स्रोतों के लिए। इसी कड़ी में एक बड़ी खबर सामने आ रही है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामीबिया दौरे से पहले, वहां मौजूद भारतीय दूत ने संकेत दिया है कि भारत इस अफ्रीकी देश से यूरेनियम आयात करने का इच्छुक है। यह कदम भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
नामीबिया: यूरेनियम का एक महत्वपूर्ण स्रोत
आप सोच रहे होंगे कि नामीबिया ही क्यों? दरअसल, नामीबिया दुनिया के चौथे सबसे बड़े यूरेनियम उत्पादक देशों में से एक है। यूरेनियम परमाणु ऊर्जा (nuclear energy) के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है, और भारत अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। ऐसे में, नामीबिया जैसा समृद्ध यूरेनियम स्रोत वाला देश भारत के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार बन सकता है।
नामीबिया में भारत के राजदूत ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत यूरेनियम प्राप्त करने के लिए नामीबिया के साथ मिलकर काम करने को बहुत उत्सुक है। यह स्पष्ट करता है कि दोनों देशों के बीच इस रणनीतिक खनिज को लेकर गंभीर बातचीत चल रही है।
दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंध
यह सिर्फ यूरेनियम आयात की बात नहीं है, बल्कि यह भारत और नामीबिया के बीच मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों का भी एक प्रमाण है। दोनों देश कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं, जिनमें रक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य और शिक्षा शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी का नामीबिया दौरा इन संबंधों को और गहरा करने का अवसर प्रदान करेगा। यूरेनियम जैसे रणनीतिक खनिज का आयात दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग को और अधिक मजबूत करेगा।
भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए विविधता लाने की कोशिश कर रहा है और परमाणु ऊर्जा इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। नामीबिया से यूरेनियम का आयात इस लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत की मदद कर सकता है, साथ ही नामीबिया को भी एक बड़े बाजार तक पहुंच मिलेगी। यह दोनों देशों के लिए 'विन-विन' स्थिति है। उम्मीद है कि पीएम मोदी के इस दौरे से इस दिशा में और भी ठोस प्रगति देखने को मिलेगी।
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