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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति इन दिनों तेजी से करवट ले रही है। जैसे-जैसे चुनावी हलचल तेज हो रही है, नेताओं के तेवर भी सख्त होते जा रहे हैं। इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सत्ता और संस्थाओं पर करारा हमला बोला है। सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आए तेजस्वी के हालिया बयान ने राज्य की सियासत में एक नई लहर पैदा कर दी है।
तेजस्वी का कहना है कि चुनाव आयोग का रवैया 'स्पेशल समरी रिवीजन' को लेकर न सिर्फ संदेहास्पद है, बल्कि यह लोकतंत्र की जड़ों पर हमला है। उन्होंने इसे आम जनता के अधिकारों को कुचलने की "सुनियोजित साजिश" करार दिया।
“बिहार की जनता को खामोश नहीं किया जा सकता”
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा कि 14 करोड़ बिहारवासियों की आवाज़ और मताधिकार पर हमला सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बिहार इतना असहाय हो चुका है कि अन्याय को चुपचाप देखता रहेगा? तेजस्वी ने दो टूक कहा कि वे और उनकी पार्टी एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे और हर मोर्चे पर मुकाबला करेंगे।
लोकतंत्र के लिए निर्णायक लड़ाई?
तेजस्वी का आरोप है कि आज जिस तरीके से लोगों के मतदान के अधिकार पर अघोषित रोक लगाई जा रही है, वह लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गहरा प्रहार है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस लड़ाई को न केवल गंभीरता से लिया जाएगा, बल्कि पूरे जोश और समर्पण के साथ लड़ा जाएगा।
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