Up Kiran, Digital Desk: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के तूफ़ान के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे अडानी ग्रुप के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch Ratings) से एक बड़ी और सकारात्मक ख़बर आई है। फिच ने अडानी ग्रुप की दो प्रमुख कंपनियों - अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) के आउटलुक को नकारात्मक (Negative) से अपग्रेड करके स्थिर(Stable) कर दिया है।
यह कदम अडानी ग्रुप के लिए एक बड़ी राहत है और यह दिखाता है कि अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियाँ अब ग्रुप की वित्तीय स्थिरता को लेकर पहले से ज़्यादा आश्वस्त हो रही हैं।
क्या बदला है और क्या नहीं?
फिच ने दोनों कंपनियों की लॉन्ग-टर्म फॉरेन-करेंसी इश्युअर डिफ़ॉल्ट रेटिंग (IDR) को BBB पर बनाए रखा है, जो कि एक इन्वेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग है।
सबसे महत्वपूर्ण बदलाव 'आउटलुक' में किया गया है। पहले का नकारात्मक आउटलुक इस बात का संकेत दे रहा था कि भविष्य में रेटिंग के गिरने का ख़तरा है। अब 'स्थिर' आउटलुक का मतलब है कि फिच को उम्मीद है कि अगले 12 से 18 महीनों तक कंपनी की वित्तीय स्थिति स्थिर रहेगी और रेटिंग में कोई नकारात्मक बदलाव की आशंका कम है।
फिच ने क्यों बदला अपना नज़रिया?
इस अपग्रेड के पीछे फिच ने कई मज़बूत कारण दिए हैं
संक्षेप में, फिच का यह फ़ैसला अडानी ग्रुप के लिए एक बड़ा विश्वास मत है। यह दिखाता है कि हिंडनबर्ग संकट के सबसे बुरे दौर से ग्रुप अब बाहर निकल रहा है और उसकी प्रमुख कंपनियाँ एक स्थिर और मज़बूत रास्ते पर आगे बढ़ रही हैं।
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