img

Up Kiran, Digital Desk: पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के ठेका कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर आज से 11 जुलाई तक सरकार के खिलाफ हड़ताल शुरू कर दी है। जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पंजाब के ठेका कर्मचारियों ने 9, 10 और 11 जुलाई को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था।

पंजाब रोडवेज, पनबस/पीआरटीसी ठेका कर्मचारी यूनियन पंजाब ने अपनी मांगों को लेकर आज तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों ने बठिंडा बस स्टैंड पर अपनी बसें रोककर प्रदर्शन किया और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पंजाब सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में नहीं थी, तब वह बड़े-बड़े बयान देती थी कि ठेकेदारों के हाथ मौजूदा सरकारों से जुड़े हुए हैं और पंजाब के युवाओं का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही हम ठेका प्रथा को खत्म कर देंगे।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार बने 3 साल से ज़्यादा हो गए हैं, मगर एक भी कर्मचारी को स्थायी नहीं किया गया, ठेका प्रथा जस की तस चल रही है। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर वे कई बार मीटिंग कर चुके हैं, मगर उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। नेताओं ने बताया कि 27 डिपो के लगभग 800 कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं और सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उन्होंने आज भारत बंद के आह्वान का भी समर्थन किया है और कल 10 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा और 11 जुलाई को गुप्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अब भी उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज़ किया जाएगा।

दूसरी ओर, पनबस की हड़ताल के कारण पीआरटीसी के ठेकेदार कर्मचारियों, यात्रियों और खासकर महिलाओं को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस मौके पर महिलाओं ने पंजाब सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब सरकार उनकी मांगों को पूरा करे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने महिलाओं को 1100 देने का वादा किया था, मगर अभी तक 90 भी नहीं दिए हैं। महिलाएं पंजाब सरकार और भगवंत मान पर नाराज़ नज़र आ रही हैं।

बता दें कि मंगलवार रात 12 बजे से पहले ही बसों की आवाजाही कम हो गई थी, क्योंकि शाम से ही लंबी दूरी की बसें बंद कर दी गई थीं। हड़ताल के कारण निजी बस ऑपरेटरों की माँग बढ़ गई है और यात्रियों को हरियाणा रोडवेज़ और हिमाचल प्रदेश की बसों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। काउंटरों पर बसें कम होने के कारण यात्रियों को काफ़ी देर तक इंतज़ार करना पड़ रहा है।

--Advertisement--