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Up Kiran, Digital Desk: पंजाब सरकार ने राज्य में शहरी विकास को गति देने और किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अपनी महत्वाकांक्षी लैंड पूलिंग नीति में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन संशोधनों को मंजूरी दी गई, जिससे अब उम्मीद है कि शहरीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी और किसानों को अपनी जमीन के बदले अधिक न्यायसंगत और लाभकारी हिस्सा मिल सकेगा।

क्या है लैंड पूलिंग नीति और क्यों हुए संशोधन?

लैंड पूलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अलग-अलग छोटे भूखंडों के मालिक (मुख्यतः किसान) अपनी जमीन को एक साथ लाकर सरकार या विकास प्राधिकरण को देते हैं। इसके बदले, प्राधिकरण उस बड़ी एकीकृत भूमि पर मास्टर प्लान के अनुसार विकास (सड़कें, पार्क, आवासीय या व्यावसायिक प्लॉट) करता है और फिर विकसित भूखंडों का एक निश्चित हिस्सा मूल भूस्वामियों को वापस कर देता है। इसका उद्देश्य व्यवस्थित शहरी विकास करना और किसानों को उनकी अविकसित जमीन के बदले विकसित प्लॉट का लाभ देना है।

पहले की नीतियों में कुछ कमियां थीं, जिससे किसानों को अपना उचित हक मिलने में देर होती थी या प्रक्रिया जटिल थी। नए संशोधनों का उद्देश्य इन्हीं कमियों को दूर करना है।

नए संशोधनों से क्या मिलेगा फायदा?

किसानों को बेहतर विकसित प्लॉट: संशोधित नीति में किसानों को उनकी दी गई जमीन के बदले अब अधिक और बेहतर विकसित आवासीय या व्यावसायिक प्लॉट मिलने का प्रावधान है। यह उनकी जमीन की भविष्य की मूल्य वृद्धि में सीधा भागीदार बनाएगा।

तेज विकास प्रक्रिया: नीति को और अधिक सुव्यवस्थित और कुशल बनाया गया है, जिससे भूमि अधिग्रहण और विकास प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होगा। इससे शहरीकरण की परियोजनाएं तेजी से पूरी होंगी।

पारदर्शिता और जवाबदेही: नई नीति में पारदर्शिता और जवाबदेही पर अधिक जोर दिया गया है, ताकि किसानों के साथ कोई अन्याय न हो और प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो।

शहरी विस्तार को बढ़ावा: व्यवस्थित लैंड पूलिंग से शहरों का नियोजित विस्तार संभव होगा, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतर विकास होगा और लोगों को सुविधाएं मिलेंगी।

विवादों में कमी: स्पष्ट नियमों और बेहतर मुआवजे के प्रावधान से भूमि अधिग्रहण से जुड़े विवादों में कमी आने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि ये संशोधन किसानों के हित में हैं और इसका लक्ष्य राज्य के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। यह कदम पंजाब के शहरीकरण और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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