Up Kiran, Digital Desk: दुनिया के लगभग सभी उन्नत राष्ट्रों में एक समानता है। वहां की उच्च शिक्षा दर (Literacy Rate)। अमेरिका, जापान और यूरोपीय राष्ट्रों ने अपनी शिक्षा प्रणाली को सशक्त कर ही आर्थिक ऊंचाइयों को प्राप्त किया है। इसके विपरीत कई ऐसे राष्ट्र हैं जहां आज भी शिक्षा की पहुंच बहुत सीमित है। साक्षरता दर न केवल यह दिखाती है कि कितने लोग पढ़-लिख सकते हैं बल्कि यह उस राष्ट्र के भविष्य और प्रगति की क्षमता का भी संकेतक है। आइए जानते हैं कि साक्षरता का वास्तविक अर्थ क्या है और दुनिया के कौन से राष्ट्र इसमें सबसे चिंताजनक स्थिति में हैं।
दुनिया के 10 सबसे कम साक्षर राष्ट्र
दुनिया में सबसे कम साक्षरता दर वाले देशों में नाइजर पहले स्थान पर है, जिसकी साक्षरता दर 19.10% है। इसके बाद चाड (27%), माली (31%) और दक्षिण सूडान (34.5%) आते हैं। अफगानिस्तान में यह दर 37.3% है, वहीं केंद्रीय अफ्रीकी गणराज्य की साक्षरता दर 37.5% है। सोमालिया (41%), गिनी (45.3%), बुर्किना फासो (46%) और बेनिन (47%) भी इस सूची में शामिल हैं। इन देशों में शिक्षा के अवसर और संसाधनों की भारी कमी है, जिससे साक्षरता दर काफी कम है।
साक्षरता दर (Literacy Rate) क्या है?
सरल शब्दों में, साक्षरता दर यह बताती है कि किसी देश की 7 वर्ष या उससे अधिक आयु की कुल जनसंख्या में से कितने प्रतिशत लोग किसी भाषा को समझने के साथ पढ़ और लिख सकते हैं।
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