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Up kiran,Digital Desk : इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने से परेशान यात्रियों के लिए सरकार की तरफ से एक बड़ा और सख्त बयान सामने आया है। विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने साफ कहा है कि इस पूरे संकट के लिए सिर्फ और सिर्फ इंडिगो जिम्मेदार है और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि कल से यात्रियों को परेशानी नहीं होगी और स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है।

एक न्यूज चैनल से बातचीत में मंत्री ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि जब इंडिगो की हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, तब एयर इंडिया या स्पाइसजेट जैसी किसी दूसरी एयरलाइन को कोई दिक्कत नहीं हुई। इससे यह साफ हो जाता है कि गलती इंडिगो के अपने क्रू मैनेजमेंट में थी।

गलती सिर्फ इंडिगो की, बाकी एयरलाइंस रहीं ठीक

विमानन मंत्री ने बताया कि पायलटों के काम करने के घंटों को लेकर नए नियम (FDTL) 1 नवंबर से लागू किए गए थे और इसकी जानकारी सभी एयरलाइंस को 6 महीने पहले से दी जा रही थी। उन्होंने कहा, "बाकी सभी एयरलाइंस ने इन नियमों के हिसाब से तैयारी कर ली, लेकिन इंडिगो अपने क्रू को सही तरीके से मैनेज नहीं कर पाया, जिस वजह से यह पूरा संकट खड़ा हुआ।"

जांच के लिए कमेटी बनी, होगी सख्त कार्रवाई

सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। नायडू ने कहा, "हमने इस पूरी गड़बड़ी की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी पता लगाएगी कि गलती कहां और किसकी वजह से हुई। जिन्होंने यह स्थिति पैदा की है, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। हम इस पर बहुत सख्त कार्रवाई करेंगे।"

यात्रियों के लिए अच्छी खबर: कल से मिलेगी राहत

विमानन मंत्री ने यात्रियों को राहत देते हुए बताया:

  • दिल्ली, मुंबई और चेन्नई समेत बड़े हवाई अड्डों पर अब भीड़ खत्म हो गई है।
  • कल (रविवार) से इंडिगो सीमित संख्या में उड़ानें फिर से शुरू करेगा और धीरे-धीरे क्षमता बढ़ाई जाएगी।
  • यात्रियों को अब एयरपोर्ट पर परेशान नहीं होना पड़ेगा, हालांकि पूरी तरह सामान्य होने में कुछ और दिन लग सकते हैं।

सरकार ने ही दिए थे उड़ानें रद्द करने के निर्देश

मंत्री ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि जब इंडिगो दो दिनों के भीतर स्थिति को संभालने में नाकाम रही, तो मंत्रालय ने ही उसे बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करने को कहा था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि हवाई अड्डों पर लगी लंबी कतारों और भीड़ को खत्म किया जा सके और यात्रियों को हो रही परेशानी कम हो।

संक्षेप में, सरकार का रुख बिल्कुल साफ है: यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पहली प्राथमिकता है, और इस मामले में लापरवाही बरतने के लिए इंडिगो पर कड़ी कार्रवाई होना तय है।