
Up Kiran, Digital Desk: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल एक बार फिर अपने कर्मचारियों की संख्या में बड़ा फेरबदल कर रही है. लेकिन इस बार छंटनी का शिकार कोई आम कर्मचारी नहीं, बल्कि मैनेजमेंट लेवल के लोग हो रहे हैं. कंपनी ने छोटे-छोटे ग्रुप को संभालने वाले 35% मैनेजर्स की छुट्टी कर दी है. गूगल का कहना है कि यह कदम कामकाज को आसान बनाने और फ़ैसले लेने की रफ़्तार को तेज़ करने के लिए उठाया गया है, ताकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर पूरा फोकस किया जा सके.
क्यों हटाए जा रहे हैं मैनेजर?
CNBC द्वारा सुनी गई एक ऑल-हैंड मीटिंग की ऑडियो के मुताबिक, गूगल के एक बड़े अधिकारी ने कर्मचारियों को बताया कि पिछले साल के मुक़ाबले अब कंपनी में "35% कम मैनेजर हैं." इसका सबसे ज़्यादा असर उन मैनेजर्स पर पड़ा है जो तीन से भी कम लोगों की टीम को संभाल रहे थे. हालांकि, इनमें से ज़्यादातर लोगों को नौकरी से निकाला नहीं गया है, बल्कि उन्हें वापस 'इंडिविजुअल कॉन्ट्रिब्यूटर' बना दिया गया है, यानी अब वे टीम संभालने की बजाय सीधे तौर पर काम करेंगे.
कंपनी का कहना है कि इसका मक़सद सिर्फ़ कर्मचारियों की संख्या कम करना नहीं, बल्कि कंपनी के अंदर की रुकावटों को खत्म करना है ताकि बड़े और ज़रूरी फ़ैसले जल्दी लिए जा सकें.
सीईओ सुंदर पिचाई का क्या है प्लान?
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई लंबे समय से कंपनी को और ज़्यादा कुशल बनाने की बात करते रहे हैं. इसी मीटिंग में उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हमें ज़्यादा कुशल बनना होगा ताकि हम हर समस्या का समाधान सिर्फ़ नए लोगों को काम पर रखकर न करें." उनका मानना है कि कंपनी का ढांचा ऐसा होना चाहिए जो इनोवेशन को बढ़ावा दे, न कि मैनेजमेंट की कई परतों के नीचे दबकर रह जाए.
यह सिर्फ़ शुरुआत है:यह फेरबदल 2023 की शुरुआत से चल रही छंटनी और पुनर्गठन का ही एक हिस्सा है. 2023 में, गूगल ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी छंटनी की थी, जिसमें लगभग 12,000 कर्मचारियों को निकाला गया था. 2025 में भी गूगल क्लाउड, एंड्रॉइड, क्रोम और पिक्सल टीमों में छंटनी हो चुकी है. बचे हुए कर्मचारियों को साफ़ संदेश दिया गया है: "कम लोगों में ज़्यादा काम करें."
नौकरी छोड़ने का एक और रास्ता
सीधी छंटनी के अलावा, गूगल ने कई विभागों में 'अपनी मर्ज़ी से नौकरी छोड़ने का प्रोग्राम' (VEP) भी शुरू किया है. इसमें कर्मचारी अपनी इच्छा से इस्तीफ़ा दे सकते हैं और उन्हें एक अच्छा पैकेज मिलता है. सुंदर पिचाई ने बताया कि यह विकल्प कर्मचारियों के फीडबैक के बाद लाया गया था, जो सीधे तौर पर निकाले जाने से बेहतर है.
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