_1197597147.png)
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और सियासी हलचल अपने चरम पर पहुंच रही है। गुरुवार को पटना में महागठबंधन की पहली बैठक ने सियासी गलियारों में हंगामा मचा दिया। इस बैठक में कांग्रेस, राजद, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई माले और वीआईपी पार्टी के नेताओं ने हिस्सा लिया, मगर इसकी गूंज बीजेपी तक पहुंच गई। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने महागठबंधन, खासकर तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला, जिसने बिहार की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है।
तेजस्वी को 'क्लर्क' बनाने का तंज
दिलीप जायसवाल ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जो नेता मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहा था, उसे महागठबंधन ने कोऑर्डिनेशन कमेटी में "क्लर्क" जैसी भूमिका थमा दी। जायसवाल ने तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन ने अपनी पहली ही बैठक में तेजस्वी यादव का कद छोटा कर दिया। यह दिखाता है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है।
उनका इशारा साफ था कि कांग्रेस अब महागठबंधन में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है और तेजस्वी जैसे बड़े चेहरों को पीछे धकेल रही है। जायसवाल ने यह भी कहा कि यह कांग्रेस की चालाकी का नतीजा है, जो अब बिहार में अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए नए सिरे से रणनीति बना रही है।
कांग्रेस अब 'झोला टांगने' के मूड में नहीं
डी. जायसवाल ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि अब तक उसे महागठबंधन में "झोला टांगने वाली पार्टी" की तरह देखा जाता था, मगर अब राहुल गांधी को यह अहसास हो गया है कि अगर कांग्रेस ने अपनी रणनीति नहीं बदली, तो बिहार में उसका पूरी तरह सफाया हो सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब लालू यादव का झोला टांगने के मूड में नहीं है। वह अपनी शर्तों पर महागठबंधन को चलाना चाहती है और तेजस्वी को किनारे करना इसी रणनीति का हिस्सा है।
जायसवाल ने दावा किया कि महागठबंधन की पहली बैठक में ही कांग्रेस ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है और यह गठबंधन के भीतर असंतुलन और असहमति का संकेत है।