
Up Kiran, Digital Desk: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) आज 6 अक्टूबर को शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। राज्य में दो दिनों की समीक्षा बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है। इस दौरान राजनीतिक दलों, सुरक्षाबलों और एजेंसियों से फीडबैक लिया गया।
बिहार की 243 सीटों वाली विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है। ऐसे में चुनाव की घोषणा अब कभी भी हो सकती है। आयोग का फोकस निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव करवाने पर है।
NDA बनाम महागठबंधन: सीधा मुकाबला तय
इस बार चुनावी रणभूमि में सीधे तौर पर भिड़ंत देखने को मिल सकती है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच।
2020 में तीन चरणों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे। मगर सत्ता का समीकरण लगातार बदलता रहा। अगस्त 2022 में उन्होंने RJD के साथ सरकार बनाई, और जनवरी 2024 में एक बार फिर NDA में वापसी की।
क्यों छठ के बाद हो सकते हैं चुनाव?
राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि छठ पर्व (अक्टूबर के अंत में) के तुरंत बाद चुनाव कराए जाएं। इसका कारण यह है कि त्योहार के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मतदाता अपने घर लौटते हैं, जिससे वोटिंग प्रतिशत बढ़ सकता है।
आयोग ने सभी प्रमुख दलों – भाजपा, राजद, जदयू, कांग्रेस, आप, बसपा समेत 11 दलों के साथ बैठक कर सुझाव मांगे थे। सभी दलों ने एक सुर में कहा – “छठ के बाद कराओ वोटिंग”।
क्या नया होगा इस बार?
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 22 साल बाद मतदाता सूची को पूरी तरह से शुद्ध किया गया है। इस बार कई नई पहलें की जा रही हैं, जैसे डिजिटल वोटर कार्ड, सशक्त बूथ प्रबंधन और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था।
बिहार की 243 सीटों में से 38 अनुसूचित जाति और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।