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बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का नामांकन भले ही तय समय पर निपट गया हो, लेकिन महागठबंधन के भीतर सब कुछ सामान्य नहीं है। सबसे बड़ी बात ये है कि अब तक गठबंधन की प्रमुख पार्टियां उम्मीदवारों की लिस्ट पर सहमति नहीं बना सकी हैं।

कांग्रेस ने अकेले जारी की सूची
जहां एक ओर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD), भाकपा माले (CPIML) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) अब तक सार्वजनिक रूप से अपने उम्मीदवारों के नाम सामने नहीं लाए हैं।

हालांकि नामांकन की आखिरी तारीख तक सभी पार्टियों ने अपने-अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करवा दिया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि किस सीट पर किसका अधिकार है।

छह सीटों पर एक-दूसरे से भिड़ीं सहयोगी पार्टियां

चुनाव प्रक्रिया की जल्दबाज़ी और तालमेल की कमी के कारण महागठबंधन की पार्टियां छह सीटों पर आमने-सामने आ गईं। इनमें से पांच सीटों पर RJD और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने दावेदार खड़े कर दिए हैं। वहीं एक सीट पर CPIML और कांग्रेस के बीच टकराव हुआ।

यह स्थिति न सिर्फ असमंजस पैदा कर रही है, बल्कि महागठबंधन की एकजुटता पर भी सवाल खड़े कर रही है।

दिल्ली से पटना तक चली बैठकों की मैराथन

पिछले कुछ दिनों में दिल्ली और पटना में कई दौर की बैठकें हुईं। खुद राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नाराज़ नेताओं को मनाने की कोशिश की। लेकिन अंततः कोई ठोस समाधान सामने नहीं आ पाया।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे को लेकर हर दल की अपनी मांगें थीं और किसी भी पक्ष ने समझौते का पहला कदम नहीं उठाया।

मुकेश सहनी ने ठुकराया राज्यसभा प्रस्ताव

VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने इस बार खुद चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। दरभंगा जिले की गौराबौराम सीट से नामांकन करने वाले थे, लेकिन आखिरी वक्त पर उन्होंने अपने भाई संतोष सहनी को उम्मीदवार बना दिया।