Up Kiran, Digital Desk: बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ नया और दिलचस्प देखने को मिल सकता है। चुनावी माहौल में घमासान के साथ-साथ जनता की उम्मीदें भी बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं, और एक ताजा ओपिनियन पोल ने राजनीतिक दृष्टिकोण को और दिलचस्प बना दिया है। टाइम्स नाऊ और जेवीसी द्वारा कराए गए इस सर्वे में इस बात का खुलासा किया गया है कि बिहार में इस बार एनडीए को बहुमत मिल सकता है, जबकि महागठबंधन को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
एनडीए की ओर झुकी जनता का रुझान
जेवीसी ओपिनियन पोल के मुताबिक, एनडीए को बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक सीटें मिल सकती हैं। अनुमान के अनुसार, एनडीए को 120 से 140 सीटों के बीच सीटें मिल सकती हैं। इस जीत के पीछे बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी जैसे प्रमुख दलों का गठबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बीजेपी को 70-81 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि जेडीयू को 42 से 48 सीटों का समर्थन मिल सकता है। साथ ही, राम विलास पासवान की एलजेपी को पांच से सात सीटें, HAM को दो और आरएलएम को भी दो सीटें मिलने का अनुमान है।
महागठबंधन के लिए जटिल स्थिति
दूसरी ओर, महागठबंधन को सिर्फ 93 से 112 सीटों तक सिमटने का अनुमान है, जो उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। इस गठबंधन में मुख्य रूप से आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई (एमएल) शामिल हैं। आरजेडी को 69-78 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस को 9 से 17 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। सीपीआई (एमएल) को 12 से 14 सीटें मिल सकती हैं, और सीपीआई और सीपीआई (एम) को एक-एक सीट मिलने का अनुमान है। महागठबंधन के इस प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन ये चुनावी परिणाम बिहार की राजनीति के नए समीकरणों को भी उजागर कर सकते हैं।
जन सुराज पार्टी का कमजोर प्रदर्शन
प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज पार्टी को इस ओपिनियन पोल में एक सीट मिलने का अनुमान है। हालांकि, पार्टी का प्रभाव इस चुनाव में ज्यादा नहीं दिख रहा है, और इसे अधिक वोट नहीं मिल रहे हैं। जन सुराज पार्टी के अलावा, एआईएमआईएम, बसपा और अन्य छोटे दलों को आठ से दस सीटों तक मिलने का अनुमान है।
वोट प्रतिशत में मामूली अंतर
सर्वे के अनुसार, वोट प्रतिशत में भी एनडीए को महागठबंधन के मुकाबले थोड़ा सा बढ़त मिलती दिख रही है। एनडीए को 41-43 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जबकि महागठबंधन को 39-41 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई जा रही है। जन सुराज को 6 से 7 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जबकि अन्य दलों को 10 से 11 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।
कुल सीटें और बहुमत का आंकड़ा
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, और बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। पिछले चुनाव में एनडीए ने बहुमत हासिल किया था, और आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। तब आरजेडी को 75 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं। इस बार के चुनाव में भी वही सवाल है कि क्या एनडीए एक बार फिर से सत्ता में लौटेगा, या फिर महागठबंधन की राजनीतिक चालें उन्हें हराकर सत्ता में आ सकेंगी।
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