Up Kiran, Digital Desk: बिहार के हाई-प्रोफाइल आईपीएस और जनता के बीच ‘सिंघम’ के नाम से मशहूर शिवदीप लांडे की राजनीतिक महत्वाकांक्षा इस बार पूरी नहीं हो सकी। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उन्होंने जमालपुर और अररिया दोनों सीटों से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में कदम रखा। लेकिन दोनों सीटों पर उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
दोनों सीटों का चुनावी नतीजा
जमालपुर सीट इस बार सुर्खियों में रही। यहां जेडीयू के नचिकेता मंडल ने 96,683 वोट लेकर जीत दर्ज की। आईआईपी के उम्मीदवार नरेंद्र कुमार को 36,228 वोटों से शिकस्त मिली। वहीं शिवदीप लांडे को अपनी लोकप्रियता के बावजूद मात्र 15,655 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे।
अररिया में भी परिणाम उनके पक्ष में नहीं गया। कांग्रेस के अबिदुर रहमान ने 91,529 वोट लेकर जीत हासिल की। जेडीयू की शगुफ्ता अजीम को 12,741 वोटों से हराया। वहीं, शिवदीप लांडे को सिर्फ 4,085 वोट मिले और वे चौथे स्थान पर रहे।
पुलिस सेवा से राजनीति की ओर
शिवदीप लांडे 2006 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने सितंबर 2024 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ली। इस्तीफे से पहले वे पूर्णिया रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) थे। अपने करियर में उन्होंने मुंगेर, अररिया और पटना सिटी जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में काम किया। पांच साल के लिए वे महाराष्ट्र में प्रतिनियुक्ति पर भी रहे।
2022 में वे बिहार लौटे और कोसी रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के पद पर नियुक्त हुए। 49 वर्षीय लांडे ने चुनावी घोषणापत्र में साफ किया कि उनके खिलाफ कोई भी क्रिमिनल केस नहीं है।




